Bihar Monsoon: बारिश की कमी से खेतों में लगे धान के फसल बर्बाद हो रहे हैं. किसान किसी तरह अपने खेतों में पंप सेट के सहारे सिंचाई कर रहे हैं. किसानों ने सरकार से डीजल अनुदान की मांग की है.
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मधेपुरा: बिहार में बारिश कम होने की वजह से किसान परेशान हैं, ऐसे में किसानों ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर समय रहते सरकारी मुआवजा और डीजल अनुदान नहीं मिला तो मजबूरन किसान आत्महत्या कर सकते हैं. दरअसल जिले में बारिश नहीं होने के कारण खेतों में दरारें पड़ने लगी है. खेतों में लगे धान के फसल बर्बाद हो रहे हैं. किसान किसी तरह अपने खेतों में पंप सेट के सहारे सिंचाई कर रहे हैं. किसानों ने सरकार से डीजल अनुदान की मांग की है. वहीं डीजल अनुदान और मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने सरकार को आत्महत्या करने की चेतावनी दी है.
प्रति एकड़ 700 रुपए डीजल का अनुदान
वहीं जिला कृषि पदाधिकारी ने स्वीकार किया कि मधेपुरा में सुखाड़ की स्थिति है, और पूरे जिले के इससे किसान इससे परेशान हैं. किसानों को प्रति एकड़ 700 रुपए डीजल का अनुदान दिया जाएगा. जिले के किसानों को अब तक 65 लाख का अनुदान खाते में दिया जा चुका है. वहीं किसानों की माने तो सरकारी स्तर पर अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं दिया जा रहा है. खेत में लगे फसल को देखकर किसान काफी चिंतित हो रहे हैं. किसानों ने कर्ज लेकर खेती की है लेकिन इलाके में भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप के खेतों में दरार फटने लगी है, जिससे धान का फसल बर्बाद हो रहा है.
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89 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी
जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने कहा कि किसानों को तीन सिंचाई हेतु डीजल अनुदान मिलेगा. वहीं किसानों को अधिकतम आठ एकड़ तक के लिए ही मुआवजा दिया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि पूरे जिले अब तक लक्ष्य की अपेक्षा 94 हजार हेक्टेयर के अनुरूप मात्र 89 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है. बहरहाल सरकारी स्तर पर अब तक 30 हजार किसानों के खाते में लगभग 60 लाख की रकम भेज दी गई है. शेष बचे रकम जैसे ही सरकार से प्राप्त होता है वैसे ही किसानों को डीजल अनुदान के रूप में सीधे उनके खाते में दे दिया जाएगा.