महाशिवरात्रि के पर्व के साथ शिव शनि प्रदोष व्रत भी है. जब प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं. शनि प्रदोष व्रत के दिन जरूर महादेव और महापार्वती की युगल पूजा करनी चाहिए.
Trending Photos
पटनाः Mahashivratro 2023: महादेव की पूजा का महापर्व महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 को है. इस दिन महादेव और माता पार्वती के मिलन के तौर पर मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन महादेव की बारात निकली थी और महागौरी पार्वती के साथ उनका विवाह हुआ था. इसी दिन को उपलक्ष्य में महाशिवरात्री का पर्व मनाया जाता है. महाशिवरात्रि फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए भगवान शिव का व्रत रखा जाता है. इस दिन जो भी कोई भोलेनाथ की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते है उन पर शिवकृपा बरसती है.
महाशिवरात्रि के दिन बन रहा है बेहद शुभ योग
इस बार महाशिवरात्रि के पर्व के साथ शिव शनि प्रदोष व्रत भी है. जब प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है तो उसे शनि प्रदोष व्रत कहते हैं. शनि प्रदोष व्रत के दिन जरूर महादेव और महापार्वती की युगल पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से दांपत्य में कभी कोई समस्या नहीं आती है साथ ही अगर कार्यक्षेत्र में शनि का प्रभाव पड़ रहा है तो वह भी नष्ट होता है. शनिदेव को महादेव ने जब नियंत्रित किया था तब उन्होंने निश्चित किया था कि जो भी प्रदोष व्रत करते हुए प्रदोष काल में शिव परिवार की पूजा करेगा, साढ़ेसाती और ढैय्या कभी कष्ट नहीं देंगे.
ऐसे करे पूजा
अगर आपका विवाह नहीं हो रहा है, या फिर आप संतान प्राप्ति की कामना रखते हैं तो शनि प्रदोष व्रत वाली इस महाशिवरात्रि को कुछ विशेष विधि से महादेव शिव का जलाभिषेक करें. इस बार आप जल में केसर डालकर महादेव का अभिषेक करें, इसके बाद मां पार्वती के चरणों पर जल चढ़ाएं. शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं. महाशिवरात्रि की रात के लिए अखंड दीप जलाएं, जो कि सवा दिन तक तो जलता ही रहे. धतूरा, फल, मिठाई, मीठा पान, इत्र के साथ जायफल भी चढ़ाएं. मां पार्वती को खीर का भोग लगाएं. भोग लगाने के बाद 'ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः' मंत्रों का जाप करें. इस दिन शिवपुराण का पाठ करना भी बेहद शुभ होता है.
ये भी पढ़िए- Ritesh Pandey ने आनंद मोहन से कहा ‘माल खोजे बुढ़वा', होली गीत ने मचाया धमाल