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Patna:दिल्ली में विभिन्न दलों के नेताओं ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मैथिली को रोजी- रोटी की भाषा बनाने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की. साथ में राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में मैथिली भाषा को विषय के रूप में पढ़ाने के लिए कोशिश करने का भी वादा किया.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित 'मिथिला महोत्सव-6' और 'मैथिली साहित्य उत्सव-3' में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने इस भाषा के प्रसार में सहयोग करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई. इस दौरान दिल्ली के बुराड़ी से आप के विधायक संजीव झा के हवाले से कहा गया है, 'दिल्ली नगर निगम के प्राथमिक विद्यालय से लेकर दिल्ली सरकार के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में मैथिली भाषा की पढ़ाई एक विषय के रूप में हो, इसके लिए सभी प्रयास किए जाएंगे.' उन्होंने कहा, अगर मैथिली के शिक्षक को तत्काल आधार पर नियुक्त करना होगा तो इसके लिए मैथिली भोजपुरी अकादमी की ओर से विद्यालयों में मैथिली के शिक्षक भी भेजे जाएंगे.
वहीं भाजपा नेता एवं बिहार विधान परिषद सदस्य संजय मयूख ने कहा कि वह इस मामले को लेकर बिहार विधान परिषद में अपनी बात रखेंगे तथा वहां पर भी इस तरह का आयोजन वृहद स्तर पर हो, इसके लिए प्रयास करेंगे. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रणव झा ने कहा कि मैथिली भारत की पुरातन भाषाओं में से एक है और यह संविधान की आठवीं अनुसूची में भी शामिल है तथा इसे रोजी रोटी की भाषा बनाने के लिए वह अपना समस्त योगदान देंगे.
मैथिली इंडो-आर्यन मूल की भाषा है. यह प्राचीन समय में मिथिला क्षेत्र में बोली जाती थी और इसलिए इसका नाम मैथिली पड़ा. तिरहुतिया इस क्षेत्र का दूसरा नाम है इसलिए मैथिली को तिरहुतिया के नाम से भी जाना जाता है. उत्तर-पूर्वी बिहार के लोग यह भाषा बोलते हैं. नेपाल में यह दूसरी सरकारी भाषा है.
(इनपुट: भाषा)