2007 में जेडीयू नेता तारकेश्वर सिंह की हत्या कर दी गई थी. सत्येंद्र यादव समेत 5 लोगों को हत्या के केस में नामजद किया गया और उसी मामले की मंगलवार को सुनवाई होनी थी. दोपहर बाद 4 बजे विधायक सत्येंद्र यादव कोर्ट में पेश हुए.
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पटना: 15 साल पुराने तारकेश्वर सिंह की हत्या के एक मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को विधायक सत्येंद्र यादव को बड़ी राहत देते हुए उन्हें साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया. उनके साथ 5 आरोपियों को भी कोर्ट ने बरी किया है. सत्येंद्र यादव सारण जिले की मांझी विधानसभा सीट से विधायक हैं. कोर्ट के फैसले के बाद समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई और कोर्ट परिसर में विधायक के समर्थकों ने जोरदार तरीके से नारेबाजी भी की. विधायक सत्येंद्र यादव ने इसे सत्य की जीत बताया.
2007 में जेडीयू नेता तारकेश्वर सिंह की हत्या कर दी गई थी. सत्येंद्र यादव समेत 5 लोगों को हत्या के केस में नामजद किया गया और उसी मामले की मंगलवार को सुनवाई होनी थी. दोपहर बाद 4 बजे विधायक सत्येंद्र यादव कोर्ट में पेश हुए. विशेष ता न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट नलिन कुमार पांडेय की अदालत ने पुख्ता सबूत के अभाव में विधायक सत्येंद्र यादव समेत 5 आरोपियों को बरी कर दिया.
बताया जाता है कि 2 जुलाई 2007 को कोपा थाना क्षेत्र के पतीला गांव के जेडीयू नेता तारकेश्वर सिंह का शव गांव के बाहर सुनसान जगह से बरामद किया गया था. परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया और इस मामले में सत्येंद्र यादव समेत 5 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. 15 साल और 9 महीने तक मामले की सुनवाई चली और मंगलवार को कोर्ट की ओर से फैसला सुना दिया गया. कोर्ट ने विधायक को बरी कर दिया. उनके साथ 4 और आरोपी भी बरी कर दिए गए.
कोर्ट का फैसला आने के बाद विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि यह सत्य की जीत है. उन्होंने कहा कि मैं निर्दोष था और मुझे फंसाया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट पर पूरा भरोसा था और उसी का नतीजा है कि कोर्ट ने उन्हें बाइज्जत बरी कर दिया. हालांकि सरकार की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक धु्रपदेव सिंह का कहना है कि वे फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और उपरी कोर्ट में अपील करेंगे.