नीति आयोग की बैठक में कई मुद्दों पर उठे सवाल, जानें क्या थी हेमंत सोरेन की मांग और झारखंड की सियासत
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नीति आयोग की बैठक में कई मुद्दों पर उठे सवाल, जानें क्या थी हेमंत सोरेन की मांग और झारखंड की सियासत

जामताड़ा से विधायक डॉ.इरफान अंसारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी इस राज्य के लिए बाधक है और उसकी मंशा समझ से परे है. बीजेपी के नेता सिर्फ बयानबाजी में एक्सपर्ट है क्योंकि जो डेवलपमेंट का पैसा होता है वह नीति आयोग से मांगा जाता है.

नीति आयोग की बैठक में कई मुद्दों पर उठे सवाल, जानें क्या थी हेमंत सोरेन की मांग और झारखंड की सियासत

रांची: नीति आयोग की बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड लौट चुके हैं. झारखंड लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की बकाया राशि और एससी एसटी रिज़र्वेशन से संबंधित मांग रखी गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा बकाया राशि और आरक्षण की मांग उठाई तो राज्य में सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गयी.

जामताड़ा से विधायक डॉ.इरफान अंसारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी इस राज्य के लिए बाधक है और उसकी मंशा समझ से परे है. बीजेपी के नेता सिर्फ बयानबाजी में एक्सपर्ट है क्योंकि जो डेवलपमेंट का पैसा होता है वह नीति आयोग से मांगा जाता है. हमारे मुख्यमंत्री गए थे और कई पहलुओं पर बातचीत हुई हमारे टैक्स का जो पैसा है उसे मांगा गया है लेकिन केंद्र सरकार का उदासीन रवैया है और वह पैसा नहीं दे रही है.
जनता के हित में पैसा मांग रहे हैं तो इसमें पाप क्या है. बीजेपी सिर्फ सोशल मीडिया पर लगी रहती है जनता देख रही है कि मुख्यमंत्री अपना हक मांगने की लड़ाई लड़ रहे हैं उसमें समर्थन देना चाहिए लेकिन केवल मीडिया बाजी में लगे रहते हैं जनता इनके सारे कारनामों को समझ चुकी है. साथ ही आने वाले दिनों में एक बड़ा मात झारखंड से मिलेगा.

भाजपा से विधायक सीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री के द्वारा नीति आयोग की बैठक में बकाया राशि की उठाई गई मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार को निशाने पर लिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा की राज्य सरकार ऐसी विवादास्पद बातें कर माइलेज लेना चाहती है. क्योंकि अगर बकाया राशि होगा तो वह कुछ विवाद होगा जिसका समाधान नहीं हो रहा है वरना केंद्र सरकार को पैसे देने में क्या दिक्कत है. राज्य सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि इसी तरह कोरोना के वक्त भी रोना रोते रहे कि उनके पास पैसा नहीं है जबकि चमचमाती गाड़ियों की दौरान खरीदी गई. इस सरकार का रवैया यही है कि यह रोते रहेंगे और विक्टिम कार्ड खेलेंगे लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि केंद्र सरकार जो पैसा देती है. उसका सही इस्तेमाल करेंगे तो कुछ परेशानी नहीं होगी.

इनपुट- मनीष मेहता

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