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पटना: Old Pension Scheme: बिहार के ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) लागू करने को लेकर सभी की नजरें सरकार पर टिकी हैं. बता दें कि देश के पांच राज्यों में ये स्कीम काफी पहले से लागू है और कई अन्य राज्यों में भी इसे लागू करने की बात चल रही है. हालांकि इस मुद्दे पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अभी तक कुछ नहीं कहा है. इधर, विधान सभा में इस मामले को उठाया गया. बिहार सरकार के मंत्री की तरफ से इस मामले में सरकार का पक्ष भी रखा गया है. बिहार के लोगों को इसके बाद से ही इस योजना के लागू होने का बेसब्री से इंतजार है.
क्यों हो रही है मांग?
आरजेडी ने चुनाव के समय अपने घोषणापत्र में कहा था कि बिहार में अगर आरजेडी की सरकार बनती है तो ओल्ड पेंशन योजना लागू किया जाएगा. ऐसे में गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही ये कयास लगाया जा रहा था कि सरकार जल्द ही पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी. लेकिन महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सरकार ने अभी तक कोई ऐसी घोषणा नहीं की है और ना ही ऐसा कोई भरोसा दिया गया है. लेकिन इस स्कीम को लागू करने के लिए बिहार के महागठबंधन की सरकार पर दवाब जरूर बनाया जा रहा है.
क्या है ओल्ड पेंशन स्कीम?
पुरानी पेंशन योजना स्कीम के तहत सरकार साल 2004 से पहले अपने कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद एक तय राशि पेंशन के रूप में दिया करती थी. यह पेंशन रिटायरमेंट के समय कर्मचारी के वेतन पर आधारित हुआ करता था. इस स्कीम के तहत रिटायर कर्मचारी के मौत के बाद पेंशन का लाभ उनके परिजनों को भी दिया जाता था. लेकिन, अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने वर्ष 2004 में नई पेंशन योजना लागू करते हुए पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर दिया. जिसके बाद हर स्तर पर इसका विरोध हुआ. उस समय न्यू पेंशन योजना की वजह से ही कई राज्यों की सरकारें भी बदल गईं थी. लेकिन, पुरानी पेंशन योजना को अटल सरकार ने लागू नहीं किया. 22 दिसंबर 2003 के बाद न्यू पेंशन योजना के तहत जो भर्तियां हुई और उसमें जिसे भी नौकरी मिली वैसे कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा.