Film Costume: फिल्मों के इन कपड़ों की कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से कम दिलचस्प नहीं होती. यह जानना रोचक है कि पर्दे पर चमकने वाले ये कपड़े शूटिंग के बाद भी अपना अलग सफर तय करते हैं.
फिल्मों में इस्तेमाल किए गए कपड़े प्रोडक्शन हाउस में जमा हो जाते हैं. इन्हें हल्के बदलाव के साथ दूसरी फिल्मों या शो में फिर से इस्तेमाल किया जाता है.
अधिकांश समय, इन कपड़ों का उपयोग जूनियर आर्टिस्ट्स के लिए होता है. छोटे बदलाव से कपड़े नए लगते हैं और इन्हें कम बजट की फिल्मों में भी उपयोग में लिया जाता है.
कई बार यदि किसी फिल्म में एक्टर का लुक बहुत फेमस हो जाए, तो इन कपड़ों की नीलामी कर दी जाती है. उदाहरण के लिए सलमान खान का तौलिया 'जीने के हैं चार दिन' गाने से एक लाख 42 हजार रुपये में नीलाम हुआ था.
फिल्मों में शादी या समारोह के लिए मंगवाए गए कपड़े डीलर्स को वापस कर दिए जाते हैं. डीलर्स इन्हें सामान्य बाजार में फिर से बेच देते हैं.
कई बार एक्टर-एक्ट्रेस कपड़ों या एसेसरीज को अपनी यादों के तौर पर अपने पास रख लेते हैं. जैसे, दीपिका पादुकोण ने 'ये जवानी है दिवानी' के नैना वाले किरदार का चश्मा अपने पास रखा.
कभी-कभी प्रोडक्शन हाउस इन कपड़ों को चैरिटी संस्थाओं को दान कर देता है.
कुछ कपड़े फिल्मों के प्रमोशन इवेंट्स में भी पहनाए जाते हैं.
कई बार कपड़े प्रोडक्शन हाउस की वर्कशॉप में भविष्य के उपयोग के लिए स्टोर कर दिए जाते हैं.
ऐतिहासिक फिल्मों के कपड़े कई बार संग्रहालयों में भी प्रदर्शित किए जाते हैं.
कई फिल्मी कपड़े उनके क्रू मेंबर्स या प्रोडक्शन टीम के लिए स्मृति चिह्न के तौर पर रखे जाते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़