Forbesganj News: विनोद मंडल ने बताया कि पुत्र की चाहत में पहली पत्नी की रजामंदी के बाद उन्होंने दूसरी शादी की. काफी पूजा पाठ के बाद पुत्र हुआ तो जमकर जश्न मनाया. अस्पताल के साथ साथ गांव और मुहल्ले में मिठाई बांटी गई थी, लेकिन अस्पताल में उसके पुत्र को अदला बदली कर अस्पताल प्रबंधन ने पुत्री सौंप दिया. उनके बच्चे को बदल दिया.
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Forbesganj News: बिहार में एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है. फारबिसगंज में 5 फरवरी, सोमवार की रात जमकर हंगामा हुआ. अस्पताल ने लड़का के बदले परिजन को लड़की सौंप दिया. परिजन जब बच्चे को लेकर घर पहुंचे तो देखा कि लड़का के बदले उसे लड़की दे दिया गया. उसके बाद परिजन नवजात लड़की को लेकर अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया. परिजनों के हंगामे के बीच चिकित्सक और उनके कर्मचारी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए. परिजनों ने चिकित्सक पर शराब पीकर अस्पताल चलाने का आरोप लगाया. जिसके बाद फारबिसगंज पुलिस मौके पर पहुंची और हंगामा कर रहे परिजनों को शांत कराया.
दरअसल, डॉ. आशुतोष कुमार के निजी क्लीनिक के अस्पताल में नवजात शिशु को लेकर नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) स्थापित है. 28 जनवरी को सुभाष चौक स्थित डॉ. मनोरंजन शर्मा के क्लीनिक में 28 जनवरी को नवजात शिशु के रूप में लड़का का जन्म हुआ था. बच्चे की तबियत खराब होने के कारण डॉ. आशुतोष कुमार के अस्पताल में एनआईसीयू में बीमार नवजात शिशु को रखा गया था. एनआईसीयू में 120 घंटे तक नवजात को रखने के बाद शिशु को परिजनों को सौंपा गया, लेकिन परिजनों को जो नवजात शिशु सौंपा गया. वह लड़का नहीं बल्कि लड़की थी.
परिजन भी बिना देखे कपड़े में लपेट कर उसे लेकर अपने घर चले गए. जब परिजन घर पर नवजात शिशु को देखा तो सभी अचंभित रह गए. कारण अस्पताल में नवजात शिशु के रूप में लड़का को जमा कराया गया था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने नवजात का लिंग परिवर्तन कर परिजन को नवजात शिशु के रूप में लड़की सौंप दिया. जिसके बाद नरपतगंज के गोखलापुर वार्ड संख्या सात के रहने वाले विनोद मंडल और मां कुमिता देवी समेत अन्य स्वजन अस्पताल पहुंचे और अस्पताल में जमकर हंगामा किया. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से नवजात को बदल दिया गया.
मामले को लेकर पिता विनोद मंडल ने बताया कि 31 जनवरी को डॉ. आशुतोष कुमार के निजी क्लीनिक में तीन दिन के अपने बच्चे को भर्ती कराया था. जिसमे 72 घंटे रखने की बात हुई थी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बच्चे को 120 घंटे तक रखा. बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने बेटा के स्थान पर बेटी दे दिया.
विनोद मंडल ने बताया कि पुत्र की चाहत में पहली पत्नी की रजामंदी के बाद उन्होंने दूसरी शादी की. काफी पूजा पाठ के बाद पुत्र हुआ तो जमकर जश्न मनाया. अस्पताल के साथ साथ गांव और मुहल्ले में मिठाई बांटी गई थी, लेकिन अस्पताल में उसके पुत्र को अदला बदली कर अस्पताल प्रबंधन ने पुत्री सौंप दिया. उनके बच्चे को बदल दिया.
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इधर, अस्पताल में हंगामे के बीच शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष कुमार मौके से फरार हो गए. अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने पहले तो परिजनों को उल्टा हड़काते हुए झूठ बोलने की बात कही, लेकिन चिकित्सीय पुर्जे पेश करने के बाद वहां मौजूद कर्मचारियों ने गलती होने और बच्चे को बदले जाने की बात स्वीकार की. अस्पताल के चिकित्सक सहित सभी वरीय कर्मचारी मौके से फरार हो गए हैं. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है.
रिपोर्ट: कुमार नितेश