Surya Grahan Bad Effect: सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को विशेष तौर से करने की मनाही होती है तो कुछ कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय होता है. यदि आप कोई सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए मंत्र जाप करने हेतु ग्रहण काल सर्वोत्तम माना गया है.
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पटनाः Surya Grahan Bad Effect: सनातन परंपरा में ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है. यह एक तरह से शोक का समय होता है. इसे ठीक वैसे ही अशुद्ध और अपवित्र माना जाता है, जैसे हिंदू धर्म में मृतक संस्कार के दौरान की स्थिति होती है. इसीलिए इसमें सूतक शब्द का प्रयोग करते हैं. हिंदू धर्म में ग्रहण के समय कुछ कार्यों को वर्जित माना गया है. क्योंकि सूतक या सूतक काल एक ऐसा अशुभ समय होता है, जिसमें कुछ विशेष कार्य करने की मनाही होती है. सामान्यत: ग्रहण लगने से कुछ घंटों पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण के समाप्त होने पर स्नान के बाद सूतक काल समाप्त होता है. बुजुर्ग, बच्चों और रोगियों पर ग्रहण का सूतक मान्य नहीं होता है.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या ना करें
सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को विशेष तौर से करने की मनाही होती है तो कुछ कार्यों के लिए सर्वोत्तम समय होता है. यदि आप कोई सिद्धि प्राप्त करना चाहते हैं तो उसके लिए मंत्र जाप करने हेतु ग्रहण काल सर्वोत्तम माना गया है. यह सिर्फ कुछ विशेष अनुष्ठान के लिए है. अक्सर ऐसे अनुष्ठान तंत्र विद्या की ओर ले जाते हैं. सामान्य स्थिति में ग्रहण के दौरान पूजा पाठ नहीं किया जाता है. ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने का उपाय भी किया जाना चाहिए.
ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के ये हैं उपाय
1. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण काल खत्म होते ही घर की अच्छी तरह साफ-सफाई करनी चाहिए.ऐसा करने से माना जाता है कि घर से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है.
2. ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद स्नान अवश्य करना चाहिए. घर के मंदिर को भी गंगाजल से शुद्ध करना न भूलें.
3. ग्रहण के समय पहने हुए वस्त्रों को स्नान करने के बाद बदल लेना चाहिए.
4. ग्रहण के बुरे असर से बचने के लिए ग्रहण खत्म होने के बाद गरीबों को भोजन करवाएं या जरूरतमंदों को दान दें.
5. ग्रहण खत्म होने के बाद भगवान शिव की आराधना करना अच्छा माना जाता है. इसके अलावा ग्रहण खत्म होने के बाद गाय को हरी घास पक्षियों को दाना देने से भी पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
6. इस दिन सभी राशि वालो को शनि जयंती पर शनि के उपाय करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन शनि देव से जुड़ी वस्तुओं का दान करना उत्तम माना गया है. इस दिन सरसों का तेल, काली उड़द की दाल, काले तिल आदि का दान करना अच्छा माना गया है.
7.गायत्री मंत्र का पाठ करें.
8. अपने इष्ट और कुल देवी का सिमरन करना है.