TBM ने पटना यूनिवर्सिटी से गांधी मैदान तक शुरू किया मेट्रो सुरंग का निर्माण, जानें कब तक होगी तैयार
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TBM ने पटना यूनिवर्सिटी से गांधी मैदान तक शुरू किया मेट्रो सुरंग का निर्माण, जानें कब तक होगी तैयार

Patna Metro : टीबीएम-1 ने 20 मार्च को पटना यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन पर पहली बार सफलता हासिल की थी. इसे 13 मई को फिर से तैयार किया गया और 24 मई 2024 को फिर से पटना यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान मेट्रो स्टेशन की ओर दूसरी यात्रा के लिए उतारा गया.

TBM ने पटना यूनिवर्सिटी से गांधी मैदान तक शुरू किया मेट्रो सुरंग का निर्माण, जानें कब तक होगी तैयार

पटना: पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के कॉरिडोर-2 में सुरंग बनाने का काम तेजी से हो रहा है. हाल ही में मोइन उल हक स्टेडियम स्टेशन और पटना यूनिवर्सिटी स्टेशन के बीच 1494 मीटर की सुरंग बनाने के बाद अब फिर से टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम)-1 ने अपना काम शुरू कर दिया है. इस मशीन ने अपनी दूसरी यात्रा शुरू कर दी है. फेज-1 के तहत कॉरिडोर-2 लाइन में आईएसबीटी स्टेशन और पटना जंक्शन के बीच काम करते हुए यह टीबीएम ‘डाउनलाइन’ पर पटना यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान होते हुए पीएमसीएच स्टेशन तक 2302 मीटर लंबी सुरंग बनाएगी.

टीबीएम-1 ने 20 मार्च को पटना यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन पर पहली बार सफलता हासिल की थी. इसे 13 मई को फिर से तैयार किया गया और 24 मई 2024 को फिर से पटना यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान मेट्रो स्टेशन की ओर दूसरी यात्रा के लिए उतारा गया. अब मंगलवार को इसने पटना यूनिवर्सिटी मेट्रो स्टेशन से गांधी मैदान मेट्रो स्टेशन की ओर सुरंग खोदने का काम शुरू कर दिया है. मोइन उल हक स्टेडियम स्टेशन और यूनिवर्सिटी स्टेशन के बीच 1494 मीटर की दूरी 10 महीने में तय करते हुए टीबीएम-1 ने अपनी यात्रा पूरी कर एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है.

टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम)-1 की खासियत यह है कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अंडरग्राउंड सुरंग बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. टीबीएम का वजन लगभग 60 अफ्रीकी हाथियों के बराबर है, जबकि एक हाथी का वजन लगभग 7 मीट्रिक टन होता है. अत्याधुनिक नेविगेशन प्रणाली से लैस यह मशीन प्रतिदिन औसतन 10 मीटर खुदाई करती है. इसे एक विशेषज्ञ टीम द्वारा संचालित किया जाता है. जमीन के नीचे सुरंग की खुदाई होती रहेगी और जमीन के ऊपर यातायात और लोगों की आवाजाही जारी रहेगी. मेट्रो निर्माण टीम इन सभी चीजों की निगरानी करेगी ताकि काम सुचारू रूप से चलता रहे.

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