Papankusha Ekadashi 2024: आज है पापांकुशा एकादशी, जानें भगवान विष्णु की कृपा पाने के उपाय और धार्मिक मान्यताएं
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Papankusha Ekadashi 2024: आज है पापांकुशा एकादशी, जानें भगवान विष्णु की कृपा पाने के उपाय और धार्मिक मान्यताएं

Papankusha Ekadashi 2024: आचार्य मदन मोहन के अनुसार 13 अक्टूबर 2024 को एकादशी तिथि सुबह 04:19 बजे शुरू होगी और 14 अक्टूबर 2024 को रात 12:24 बजे समाप्त होगी. 14 अक्टूबर को सोमवार के दिन पारण का शुभ मुहूर्त सुबह 05:48 बजे के बाद होगा, क्योंकि सूर्योदय से पहले ही एकादशी तिथि खत्म हो जाएगी. इस दिन हरिवासर सुबह 11:56 बजे तक रहेगा.

Papankusha Ekadashi 2024: आज है पापांकुशा एकादशी, जानें भगवान विष्णु की कृपा पाने के उपाय और धार्मिक मान्यताएं

Papankusha Ekadashi 2024: पापांकुशा एकादशी का व्रत इस साल 13 अक्टूबर 2024 को मनाया जा रहा है. साल में 24 एकादशी होती हैं और हर एकादशी का अपना खास महत्व होता है. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहा जाता है. इस एकादशी का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि यह पापरूपी हाथी को अंकुश (जो हाथी को नियंत्रित करने का उपकरण है) से रोकने जैसा माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने से इच्छित फल की प्राप्ति होती है. पापांकुशा एकादशी के दिन उपवास रखने और भगवान विष्णु की पूजा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है.

पापांकुशा एकादशी का शुभ मुहूर्त
आचार्य मदन मोहन के अनुसार 13 अक्टूबर 2024 को एकादशी तिथि का आरंभ सुबह 04:19 मिनट पर होगा और इसका समापन 14 अक्टूबर 2024 को रात 12:24 मिनट पर होगा. साथ ही 14 अक्टूबर 2024 को सोमवार के दिन पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह 05:48 बजे के बाद होगा, क्योंकि सूर्योदय से पहले एकादशी तिथि समाप्त हो जाएगी. इस दिन हरिवासर सुबह 11:56 बजे तक रहेगा.

एकादशी व्रत कैसे करें?
व्रत करने वालों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और शुद्ध कपड़े पहनने चाहिए.
व्रत के एक दिन पहले से तामसिक भोजन (जैसे मांसाहार, प्याज, लहसुन) नहीं करना चाहिएय
व्रत के दौरान पीले वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है और भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करने चाहिए.
व्रती को अपने कुलदेवता की पूजा करनी चाहिए और भगवान विष्णु के सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
अगले दिन द्वादशी तिथि को ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करना चाहिए, इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं.

पापांकुशा एकादशी पर क्या न करें?
आचार्य के अनुसार इस दिन तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि माता तुलसी इस दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत करती हैं, इसलिए तुलसी पूजन से माता नाराज हो जाती हैं और व्रत का फल नहीं मिलता है.

पापांकुशा एकादशी का महत्व
मान्यता है कि पापांकुशा एकादशी के व्रत से अश्वमेध यज्ञ जैसा फल प्राप्त होता है. इस दिन पूजा करने से हर प्रकार के शुभ फल मिलते हैं. भगवान विष्णु के पद्मनाभ रूप की पूजा इस दिन विशेष रूप से की जाती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु जागृत अवस्था में आते हैं, इसलिए उन्हें क्षीर (दूध) से स्नान कराकर भोग लगाना और उनकी विधिवत पूजा करना चाहिए.

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