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Patna: बिहार भाजपा ने सोमवार को दावा किया कि उपेंद्र कुशवाहा का नई पार्टी 'राष्ट्रीय लोकतांत्रिक जनता दल; (आरएलजेडी) गठित करना, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू में पहला बड़ा विद्रोह है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बयान में कहा कि इसके साथ ही नीतीश कुमार के संन्यास लेने की उलटी गिनती शुरू हो गई.
नहीं संतुष्ट हैं पार्टी के विधायक
उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी को विश्वास में लिए बिना राजद के तेजस्वी प्रसाद यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, जिससे जदयू का कोई विधायक संतुष्ट नहीं है. सुशील ने दावा किया कि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक विधानसभा की सदस्यता छिन जाने के डर से उत्तराधिकारी घोषित करने के विरुद्ध बोल नहीं पा रहे लेकिन तेजस्वी को नेता मानने के लिए कोई तैयार नहीं है.
हालांकि, भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील ने कुशवाहा की राजग में वापसी की संभावना पर कुछ भी कहने से परहेज किया. वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पार्टी के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने कुशवाहा को नीतीश कुमार से नैतिक और वैचारिक रूप से श्रेष्ठ बताते हुए एक बयान जारी कर भविष्यवाणी की कि जदयू नवगठित आरएलजेडी में विलय कर सकती है. दिलचस्प बात यह है कि कुशवाहा मार्च 2021 में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (जिसके वह अध्यक्ष थे) का विलय करते हुए जदयू में वापस आ गए थे. उनकी वापसी को नीतीश कुमार द्वारा 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद लव-कुश (कुर्मी-कोईरी) जनाधार को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा गया था.
(इनपुट भाषा के साथ)