Vaibhav Suryavanshi Success Story: पिता संजीव सूर्यवंशी को एकबारगी तो जमीन भी बेचनी पड़ गई थी, लेकिन उन्होंने बेटे वैभव सूर्यवंशी की तपस्या में बाधा नहीं होने दी.
Trending Photos
बिहार के समस्तीपुर जिले के वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) ने इतिहास रचते हुए आईपीएल का हिस्सा बनने वाले सबसे युवा खिलाड़ी का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है. वैभव के इतिहास रचते हुए हम देख रहे हैं पर इसके लिए उनके पिता संजीव सूर्यवंशी (Sanjeev Suryavanshi) ने भी कम मेहनत नहीं की है. वैभव सूर्यवंशी के लिए उनके पिता ने क्या क्या नहीं किया. वैभव जब महज 5 साल के थे, तभी से संजीव उनसे नेट प्रैक्टिस करवा रहे हैं. इसके अलावा कोरोना काल में जब सार्वजनिक जगहों पर जाना प्रतिबंधित था, तब संजीव ने बेटे को घर में ही प्रैक्टिस करवानी शुरू कर दी थी. उसके बाद उन्होंने पटना के जीसस स्कूल के मनीष ओझा से ट्रेनिंग भी दिलवाई. तभी तो 13 साल के वैभव सूर्यवंशी के लिए 1.10 करोड़ रुपये की बोली लगी और अब वे राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते नजर आएंगे.
READ ALSO: IPL 2025: 13 साल के 'सूर्य' पर हुई 'वैभव' की बारिश
समस्तीपुर जिले के मोतीपुर में जन्मे वैभव सूर्यवंशी को संजीव सूर्यवंशी ने जिले के क्रिकेट अकादमी में दाखिला दिलवा दिया. समय और उम्र के साथ वैभव का हुनर निखरता चला गया और ट्रेनिंग भी बढ़ती गई. राजस्थान रॉयल्स ने जब से सऊदी अरब में हो रहे आईपीएल 2025 के आक्शन में वैभव सूर्यवंशी को 1.10 करोड़ में खरीदा है, तब से 13 वर्षीय इस खिलाड़ी ने दुनिया भर में काफी शोहरत हासिल कर ली है.
12 साल और 284 दिन की उम्र में वैभव ने घरेलू क्रिकेट में दमदार प्रदर्शन करने के अलावा भारत की अंडर-19 टीम में शामिल होने से पहले 2023-24 रणजी ट्रॉफी में बिहार के लिए मुंबई के खिलाफ प्रथम श्रेणी में डेब्यू करके इतिहास रच दिया था. इससे पहले बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने वीनू मांकड ट्रॉफी में पांच मैचों में लगभग 400 रन बनाए हैं.
नीलामी से एक दिन पहले, सूर्यवंशी ने शनिवार को राजस्थान के खिलाफ चल रहे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बिहार के लिए अपना टी20 डेब्यू किया, जिसमें उन्होंने 6 गेंदों में 13 रन बनाए. सूर्यवंशी ने अभी तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कोई बड़ी पारी नहीं खेली है.
READ ALSO: आईपीएल 2025 में होगा 'बिहारी बाबू' का जलवा, ऑक्शन में नाम आते ही मच गई थी खलबली
वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने बताया, एक दौर ऐसा भी आया जब उनके परिवार को आर्थिक परेशानी झेलने के कारण अपनी जमीन का कुछ हिस्सा भी बेचना पड़ा, लेकिन वह पीछे नहीं हटे और बच्चे को कमी खलने नहीं दी. अब वे बेटे को भारत के लिए खेलते देखना चाहते हैं. अभी वह अंडर-19 और एशिया कप खेल रहा है, लेकिन वह चाहते हैं कि वैभचव टीम इंडिया का हिस्सा बने और देश का नाम रोशन करे.