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पटना: Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में दो तरह की ऊर्जाओं (सकारात्मक और नकारात्मक) का जिक्र किया गया है. इन ऊर्जाओं का प्रभाव घर और घर में रहने वाले लोगों पर पड़ता है. किसा घर में अगर सकारात्मक ऊर्जा होती है तो वहां सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है. वहीं अगर घर में नकारात्मक ऊर्जा हो तो ये परिवार की समस्याओं का कारण बनती हैं.वास्तु शास्त्र में दिशा, स्थान और रख-रखाव की मदद से घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने के उपायों के बारे में बताया गया है. वास्तु हमारे घर और जीवन के लिए नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा को संतुलित करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है.
घर में वास्तु दोष होने से ये समस्याएं होती है
लगातार काम बिगड़ना: कई बार ऐसा होता है कि, कोई काम बनते-बनते बिगड़ जाता है. फिर चाहे आपने उस पर कितना ही मेहनत क्यों न किया है. कार्य में सफलता नहीं मिलना भी घर के मध्य भाग में वास्तु दोष के कारण होता है. ये दोष घर के मध्य में शौचालय बनवाने या कोई भारी वस्तु रखने के कारण होता है.
वंश वृद्धि में बाधा: यदि पति-पत्नी को विवाह के कई साल बाद भी संतान नहीं हो रहा है तो वास्तु दोष भी इसका एक कारण हो सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी घर में अगर संतान सुख का अभाव या वंश वृद्धि में किसी तरह की समस्या हो रही है को उस घर के मध्य भाग में वास्तु दोष का संकेत है.
आर्थिक तंगी: खूब पैसा कमाने के बाद भी अगर घर पर आर्थिक तंगी बनी रहती है और पैसों की बचत नहीं हो पाती है तो ऐसा वास्तु दोष के कारण भी हो सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसा घर के नैऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम दिशा) में वास्तु दोष से कारण होता है. इस दिशा में घर का मुख्य द्वार या खिड़की नहीं रखना चाहिए.
कलह-क्लेश का होना: वास्तु दोष के कारण घर-परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़े होना या मनमुटाव भी हो सकता है. ऐसा घर के उत्तर-पश्चिम दिशा में वास्तु दोष के कारण होता है.
ये हैं वास्तु दोष के कारण
दक्षिण-पश्चिम कोने में पूजा घर का होना
उत्तर-पश्चिम कोने में मास्टर बेडरूम रखना
अनियमित आकार का प्लॉट खरीदकर उसमें घर बनवाना
पति-पत्नी के बिस्तर के ठीक सामने आईना लगाना
छत पर बीम को लटकता हुआ छोड़ देना
एक ही लाइन में चूल्हा और पानी की टंकी रखना
डबल बेड में दो अलग-अलग गद्दे लगाना