सिमरिया धाम के विकास व सौंदर्यीकरण की जल संसाधन विभाग की योजना को कैबिनेट से मिली मंजूरी
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सिमरिया धाम के विकास व सौंदर्यीकरण की जल संसाधन विभाग की योजना को कैबिनेट से मिली मंजूरी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर 2022 में सिमरिया धाम में लगे कल्पवास मेले में भ्रमण कर साधु-संतों का फीडबैक लिया था और क्षेत्र के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार कॉन्सेप्ट की समीक्षा कर विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिये थे.

सिमरिया धाम के विकास व सौंदर्यीकरण की जल संसाधन विभाग की योजना को कैबिनेट से मिली मंजूरी

पटना: उत्तर बिहार में खासकर मिथिला वासियों की लोक आस्था के प्रमुख केंद्र सिमरिया धाम (बेगूसराय) में उत्तरवाहिनी गंगा नदी के तट पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रीवर फ्रंट का विकास किया जाएगा. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सिमरिया धाम के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार योजना को मंजूरी मिल गयी है. इसमें नदी तट पर पक्के सीढ़ी घाट के निर्माण, कल्पवास मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं के विकास एवं सौंदर्यीकरण की योजना शामिल है. 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर 2022 में सिमरिया धाम में लगे कल्पवास मेले में भ्रमण कर साधु-संतों का फीडबैक लिया था और क्षेत्र के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार कॉन्सेप्ट की समीक्षा कर विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिये थे. सिमरिया धाम के विकास की योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट करते हुए जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि यह मिथिलावासियों के लिए एक बड़ा तोहफा है. 

वर्ष 2008 में सिमरिया कल्पवास मेले को राजकीय मेला का दर्जा दिया गया. उसके बाद से सिमरिया में वर्ष 2011 में अर्ध कुंभ और 2017 में महाकुंभ का आयोजन हो चुका है. इसके अलावा यहां स्नान, मुंडन और धार्मिक अनुष्ठान के लिए काफी श्रद्धालु सालोभर आते रहते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यह स्थल राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जन्मस्थली के रूप में भी विख्यात है, लेकिन जरूरी सुविधाओं के अभाव के कारण यहां पर्यटन का विकास नहीं हो पाया है.

संजय कुमार झा ने कहा कि गंगा नदी के बायें तट का आवश्यकतानुसार  उच्चीकरण करते हुए नदी भाग में लगभग 550 मीटर लंबाई में सीढ़ी घाट के निर्माण के साथ-साथ संपूर्ण कल्पवास क्षेत्र में सुविधाओं के विकास एवं सौंदर्यीकरण की योजना तैयार की है. योजना की प्राक्कलित लागत राशि 114.97 करोड़ रुपये है. इसमें रीवर फ्रंट का विकास, गंगा आरती हेतु विनिर्दिष्ट स्थल का निर्माण, स्नान घाट एवं चेंजिंग रूम का निर्माण, स्नान घाट के समानांतर सुरक्षा व्यवस्था, धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप का निर्माण, शेडेड कैनोपी, वाच टावर, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था एवं लैंडस्केपिंग, शौचालय परिसर, धर्मशाला परिसर, पाथ-वे एवं प्रकाशीय व्यवस्था का निर्माण शामिल है.

संजय कुमार झा ने कहा कि पिछले साल जब कल्पवास क्षेत्र में गंगा का पानी घुस गया था. उन्होंने सिमरिया धाम का जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थल निरीक्षण किया था और श्रद्धालुओं की तकलीफों को करीब से देखा था. अब सिमरिया धाम का विकास होने पर यहां न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा होगी, बल्कि यह धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा. हरिद्वार की तर्ज पर सिमरिया धाम में भी दूर-दूर से लोग आएंगे और यहां धर्मशाला में ठहरेंगे.

इनपुट- प्रेस विज्ञप्ति

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