पटना: बिहार में खाद्य उपभोक्ता एवं संरक्षण विभाग ने 16 लाख 37 हजार राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं. ये उन लोगों के नाम पर थे जो अब इस दुनिया में नहीं हैं. हालांकि, इन मृत व्यक्तियों के नाम पर हर महीने 5 किलो सरकारी अनाज उठाया जा रहा था. इसका पर्दाफाश तब हुआ, जब सरकार ने राज्य में E-KYC प्रक्रिया शुरू की.
विभाग के सचिव एन. सरवन कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 8 करोड़ 35 लाख राशन कार्डधारियों में से 8 करोड़ 4 लाख यानी 95% का आधार से सीडिंग हो चुका है. अब तक 5 करोड़ 10 लाख लोगों का E-KYC पूरा हो चुका है, जबकि 3 करोड़ 24 लाख लोगों की प्रक्रिया अभी जारी है. जैसे-जैसे E-KYC की प्रक्रिया बढ़ रही है, वैसे-वैसे ऐसे और भी मामले सामने आ रहे हैं.
E-KYC के माध्यम से एक और खुलासा हुआ. दरअसल 2 लाख 77 हजार लोग ऐसे पाए गए जो बिहार से बाहर रहकर भी दोनों जगहों से अनाज उठा रहे थे. इनमें सबसे ज्यादा लोग दिल्ली के हैं, जहां 1 लाख 95 हजार लोग इस हेराफेरी में शामिल पाए गए. इसके अलावा, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी बड़ी संख्या में ऐसे लोग पाए गए जो दोनों राज्यों से राशन ले रहे थे. वहीं, अन्य राज्यों से बिहार में बसे केवल 6 हजार परिवार ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत अनाज ले रहे हैं.
सरकार ने 'वन नेशन वन राशन कार्ड' योजना के तहत यह स्पष्ट कर दिया है कि एक परिवार केवल एक ही राज्य से अनाज उठा सकता है. लेकिन इन लोगों ने इस योजना का दुरुपयोग किया और दो जगहों से अनाज उठाना शुरू कर दिया था.
इस खुलासे के बाद सरकार ने तेजी से कार्रवाई की और अवैध रूप से इस्तेमाल हो रहे राशन कार्ड को रद्द कर दिया. इसके साथ ही सरकार ने यह भी बताया कि राज्य में 90% राशन कार्डधारियों के परिवारों की मुखिया महिलाएं हैं. राज्य में कुल 1 करोड़ 97 लाख परिवारों को राशन कार्ड का लाभ मिल रहा है, जिनमें से 22 लाख 88 हजार अंत्योदय अन्न योजना के तहत आते हैं और 1 करोड़ 74 लाख परिवार पीएचएच श्रेणी के हैं.
इस खुलासे से सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि राशन कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी. E-KYC प्रक्रिया अभी भी चल रही है, जिससे भविष्य में और भी राशन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं.