पुलिस के मुताबिक, हरिवंशपुर के ग्रामीणों ने एईएस के कारण बच्चों की मौत के विरोध में और गांव में पेयजल की सुविधा की मांग के लेकर 18 जून को असतपुर सतपुरा चौक के समीप सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था.
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वैशाली: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले सहित करीब 20 जिलों में चमकी बुखार या एक्यूट इंसेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) बीमारी से बच्चों के मरने का सिलसिला जारी है. इस बीच वैशाली जिले के एईएस प्रभावित हरिवंशपुर गांव के लोगों को एईएस के कारण बच्चों की मौत और पेयजल की मांग को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया.
लेकिन पुलिस ने गांव के लोगों के खिलाफ भगवानपुर थाने में मामला दर्ज कर लिया. पुलिस के मुताबिक, हरिवंशपुर के ग्रामीणों ने एईएस के कारण बच्चों की मौत के विरोध में और गांव में पेयजल की सुविधा की मांग के लेकर 18 जून को असतपुर सतपुरा चौक के समीप सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था.
पुलिस द्वारा कई बार लोगों से सड़क से हटने की अपील की गई, परंतु तीन घंटे सड़क जाम रहने के कारण आवागमन बाधित रहा. पुलिस का आरोप है कि इस दौरान गांव के लोगों ने पुलिस से अभद्र व्यवहार किया. हाजीपुर के पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र बसंत्री ने मंगलवार को बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि इस मामले में भगवानपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी में 15 लोगों को नामजद तथा 15 से 20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
इधर, ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव के सात बच्चों की मौत एईएस से हो गई. ग्रामीण सुरेश सहनी ने कहा कि तीन ऐसे लोगों को भी आरोपी बनाया गया है, जिन्होंने अपने बच्चे खोए हैं. एक ग्रामीण ने कहा, "हमारे बच्चे मर रहे हैं. पानी नहीं है. हमने इसके खिलाफ रोड घेरो अभियान चलाया तो प्रशासन ने हम पर केस दर्ज कर दिया. केस दर्ज होने के बाद कई लोग गांव छोड़कर भाग गए हैं."
उल्लेखनीय है कि बिहार में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 दिनों में एईएस से 168 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है.