Bihar By-Polls 2024: बिहार में चार विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में जन सुराज के बाद बसपा और AIMIM ने भी अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है. छोटे दलों के मैदान में आने से एनडीए और महागठबंधन, दोनों की परेशानियां बढ़ गई है.
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Bihar Assembly By-Election 2024: बिहार में चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है. इस उपचुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की एंट्री होने से आरजेडी की टेंशन बढ़ गई है. AIMIM ने बेलागंज से मो. जामिन अली को उम्मीदवार बनाया है और इमामगंज से कंचन पासवान को उम्मीदवार बनाया है. वहीं तरारी और रामगढ़ से उम्मीदवारों का ऐलान जल्द हो सकता है. AIMIM की ओर से चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की घोषणा ने महागठबंधन में शामिल राजद के नेताओं के माथे पर शिकन ला दी है. वहीं, एनडीए की राह भी आसान नजर नहीं आ रही है. प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने भी प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है, जबकि बहुजन समाज पार्टी भी प्रत्याशी उतारने की बात कर रही है.
बताया जाता है कि एआईएमआईएम की बिहार प्रदेश कमिटी ने सभी चार सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए आलाकमान को एक लिस्ट सौपी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि उनकी तैयारी सभी चार सीटों की है, लेकिन दो सीटों पर उनकी पार्टी जरूर चुनाव लड़ेगी. माना जाता है कि एआईएमआईएम की पकड़ मुस्लिम मतदाताओं पर है. राजद भी मुस्लिम मतदाताओं पर भरोसा रखती है. इधर, जनसुराज पार्टी ने भी बेलागंज से मुस्लिम उम्मीदवार खिलाफत हुसैन को मैदान में उतार दिया है. जिससे बेलागंज का मुकाबला दिलचस्प बन गया है.
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जनसुराज पार्टी ने सभी चार सीटों पर उम्मीदवार उतार दिया है. जातीय समीकरण को देखते हुए जनसुराज ने अपने उम्मीदवारों का चयन किया है. माना जा रहा है कि जनसुराज एनडीए प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस बीच, बसपा ने भी उम्मीदवार उतारने की बात कही है. राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि चुनाव में कई पार्टियां मैदान में आती है, इस चुनाव में भी ऐसा हो रहा है, लेकिन इससे राजद को कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है. बिहार की जनता तेजस्वी यादव के 17 महीने के कार्यकाल को देख रही है. जब नौकरियो की बहार थी.
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वहीं भाजपा के प्रवक्ता मनोज शर्मा कहते हैं कि पूरे देश के लोगों को भाजपा पर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास है. बिहार भी प्रधानमंत्री के साथ है. कई पार्टियां चुनाव में आती हैं और फिर वापस लौट जाती हैं. उन्हें बिहार के लोगों से कोई मतलब नहीं होता है. बता दें कि तरारी में सीपीआई के सुदामा प्रसाद, बेलागंज में राजद के सुरेंद्र यादव, इमामगंज में हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी और रामगढ़ में राजद के सुधाकर सिंह के लोकसभा पहुंच जाने से ये चारों सीटें खाली हुई हैं. सभी सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को चुनाव नतीजे आएंगे.
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