...तो इस वजह से बेंगलुरु में बैठक बीच में छोड़ पटना लौट आए थे नीतीश!
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...तो इस वजह से बेंगलुरु में बैठक बीच में छोड़ पटना लौट आए थे नीतीश!

Nitish Kumar: राजगीर में मलमास मेला का उद्घाटन करने के बाद सीएम नीतीश कुमार पटना पहुंचे. राजगीर के मलमास मेले के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे राजगीर के मलमास मेले में शिरकत करना था. इसलिए मुझे बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ कर आना पड़ा.

(फाइल फोटो)

पटना: Nitish Kumar: राजगीर में मलमास मेला का उद्घाटन करने के बाद सीएम नीतीश कुमार पटना पहुंचे. राजगीर के मलमास मेले के उद्घाटन के दौरान उन्होंने कहा था कि मुझे राजगीर के मलमास मेले में शिरकत करना था. इसलिए मुझे बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़ कर आना पड़ा. हम लोग महागठबंधन में पूरी तरह से एक साथ हैं और देश हित में काम करेंगे.   

वहीं पटना पहुंचने पर बेंगलुरु की मीटिंग को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक काफी बेहतर रही, यहां 26 लोगों की मीटिंग थी और काफी अच्छी बातचीत हुई. वहीं मुख्यमंत्री ने अपनी नाराजगी की चर्चाओं को नकारा और कहा कि बीजेपी को क्या मतलब है. मुझे मीटिंग में देर हो रही थी इस वजह से हम लोग वहां से प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले निकल गए. सब लोगों से बातचीत करके नाम फाइनल किया गया. एक साथ हम लोगों ने खाना खाया. 

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वहीं नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए की मीटिंग का कोई मतलब है. क्या अटल बिहारी वाजपेयी के टाइम पर एनडीए बना है और उसके बाद यह लोग कभी एनडीए की मीटिंग करते थे. अटल बिहारी वाजपेयी के समय में एनडीए के हर पार्टी की मीटिंग होती थी. हम लोगों ने एक मीटिंग करवा दी इसलिए एनडीए ने मीटिंग करवाया. जो लोग एनडीए की मीटिंग में शामिल हुए उसको कोई जानता है क्या? हम लोगों की मीटिंग में जो शामिल है वह तो सब लोग जानते हैं, किसी को हम लोग निकाल दिए तो वह एनडीए में जाकर शामिल हो गया. हमने जानबूझकर कहा था कि विलय कीजिए या बाहर जाइए, 2024 या उससे पहले जब भी चुनाव हो हम चाहते हैं कि केंद्र में बैठी सरकार सत्ता से हट जाए ताकि देश को फायदा हो. एनडीए को 2024 में पूरी चुनौती है जब सही समय आएगा तो संभावना है कि कुछ और लोग भी हमारे साथ आ सकते हैं. हम उनका नाम अभी नहीं लेंगे नहीं तो एनडीए वाले लोग उनके साथ क्या कर देंगे पता नहीं. 

उन्होंने कहा कि यह लोग देश का इतिहास बदलना चाहते हैं. इनको आजादी की लड़ाई से कोई मतलब नहीं है. कोई बापू का नाम नहीं लेता है, हम लोग अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काफी बेहतर काम करते थे. हमारी कोई निजी इच्छा नहीं है. हमारी इच्छा है देश के विकास की, हम सिर्फ देश के हित में बात करते हैं. जो लोग मेरे पीछे पड़कर हमको जनता दल से हटाए. वह कहां-कहां भाग गए देखते रहिए, जिसको हम अपने जगह मुख्यमंत्री बनाए, वह कहां है. एक आईएएस अफसर था, उसको जगह दिए वह क्या कर गया? यह सब हमारा दुर्भाग्य है. अब हम सबके राय से काम करते हैं. पहले हम सब काम अपनी मर्जी से करते थे. वहीं सुशील मोदी पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें दुख इस बात का है कि उन्हें उप मुख्यमंत्री नहीं बनाया. पार्टी में जगह लेने के लिए सुशील मोदी अंड-बंड बोलते हैं. 

(रिपोर्ट:शिवम)

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