हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने इसके संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास कई विकल्प हैं. हम थर्ड फ्रंट पर भी विचार कर रहे हैं.
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Bihar Politics: बिहार के पूर्व सीएम और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी के भविष्य को लेकर अभी भी संसय के बादल मंडरा रहे हैं. महागठबंधन से बाहर होने के बाद उन्होंने अभी तक अपनी आगे की रणनीति का खुलासा नहीं किया है. मांझी ने पीएम मोदी की जरूर तारीफ की, लेकिन ये भी नहीं कहा कि वो एनडीए में वापसी करेंगे. मांझी अपने आगे के भविष्य का फैसला 19 जून को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लेंगे. इस बीच राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मांझी तीसरे मोर्चे का भी गठन कर सकते हैं.
हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने इसके संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पास कई विकल्प हैं. हम थर्ड फ्रंट पर भी विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी के भविष्य का फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया जाएगा. संतोष सुमन ने कहा कि 19 जून को महागठबंधन सरकार से समर्थन वापसी का भी निर्णय लिया जाएगा. हम महामहिम से मिलकर उनको समर्थन वापसी का पत्र सौपेंगे.
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संतोष मांझी ने थर्ड फ्रंट के गठन के संकेत भले दिए हों, लेकिन इसकी संभावना बहुत कम है. बिहार में दो एलायंस ही बनते दिख रहे हैं, एक- महागठबंधन और दूसरा- एनडीए. जो दल महागठबंधन का हिस्सा नहीं हैं, वो एनडीए के साथ जा सकते हैं. खुद जीतन राम मांझी भी बीजेपी के साथ खड़े दिखाई दे सकते हैं. एनडीए में वापसी के लिए वो काफी लंबे समय से प्रयास कर रहे थे. उन्होंने दिल्ली जाकर बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी. जानकारी के मुताबिक, बीजेपी की ओर से उन्हें एक सीट और राज्यपाल बनाने का आश्वासन मिला है.
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वहीं महागठबंधन से बाहर करने के बाद सीएम नीतीश ने मांझी को घर का भेदी बताया. नीतीश ने कहा कि वो महागठबंधन की बैठक में हुई बातें बीजेपी को बताते. जिस पर मांझी ने भी पलटवार किया है. मांझी ने कहा कि वे जिस समाज से आते हैं वह किसी को धोखा नहीं देता. उन्होंने कहा कि हम गरीब हो सकते हैं लेकिन बेईमान नहीं. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार ‘कुर्सी कुमार’ हैं. वे कभी भी तेजस्वी यादव को अपनी कुर्सी नहीं सौंप सकते हैं. वे खुद पद पर बने के लिए बीजेपी के साथ जाकर मिल जाएंगे.