Lok Sabha Election 2024: तीन राज्यों में जीत से BJP गदगद, फिर भी 2024 की राह आसान नहीं, जानें कैसे
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Lok Sabha Election 2024: तीन राज्यों में जीत से BJP गदगद, फिर भी 2024 की राह आसान नहीं, जानें कैसे

Lok Sabha Election 2024भाजपाईयों का 400 वाला दावा बड़ा मुश्किल लग रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी 2019 से बेहतर और क्या करेगी? 2019 में बीजेपी ने तमाम राज्यों में क्लीन स्वीप किया था, अब क्लीनस्वीप से बेहतर भला क्या किया जा सकता है.

फाइल फोटो

BJP Challenges For 2024: तीन राज्यों में भारी जीत के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए नारा गढ़ लिया है, अगली बार 400 पार. मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की जीत से बीजेपी कार्यकर्ता काफी गदगद हैं. भाजपाई को लगता है कि हिंदीभाषी जमीन पर हुए सेमीफाइनल के आधार पर 2024 का फाइनल भी आसानी से जीता जा सकता है. हिंदी भाषी प्रदेशों में कांग्रेस की स्थिति को देखकर भाजपाईयों के मन में लड्डू फूटना, जायज भी है. मध्य भारत में कांग्रेस के पास सिर्फ हिमाचल प्रदेश बचा है. बिहार और झारखंड में पार्टी सत्ता में तो जरूर है, लेकिन सरकार में भागीदारी सिर्फ नाम की है. बाकी पूरे भूखंड पर भगवा लहरा रहा है. 

संगठन हो या सत्ता, आंकड़े और धरातल. हिंदीभाषी प्रदेशों में कांग्रेस पर बीजेपी भारी पड़ती दिख रही है. हालांकि, भाजपाईयों का 400 वाला दावा बड़ा मुश्किल लग रहा है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी 2019 से बेहतर और क्या करेगी? दरअसल, हिंदी भाषी प्रदेश बिहार, यूपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 193 सीटें हैं. इन राज्यों में 177 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में विपक्ष से ज्यादा तो बीजेपी के लिए चुनौती है. बीजेपी के लिए सबसे पहली चुनौती यह है कि अपनी अपनी सीटों को बरकरार रखे और दूसरी चुनौती यह होगी कि जिन सीटों पर जीत नहीं मिली थी, उन्हें 2024 में जीता जाए. 

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पुराने प्रदर्शन से बेहतर क्या करेंगे?

2019 में बीजेपी ने तमाम राज्यों में क्लीन स्वीप किया था. इनमें दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, दमन दीव और चंडीगढ़ शामिल हैं. अब इन राज्यों में फिर से क्लीन स्वीप करने से बेहतर क्या किया जा सकता है. मध्य प्रदेश की 29 में से 28 सीटें, छत्तीसगढ़ की 11 में से 9 सीटें, राजस्थान की 25 में से 24 सीटें, झारखंड की 14 में से 11 सीटें, असम की 14 में से 9 सीटें और कर्नाटक में 28 में से 25 सीटें हासिल की थीं. वहीं यूपी, बिहार सहित कुछ राज्यों में बीजेपी क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन करके लड़ी थी. जिसमें यूपी की 80 में से 64 सीटें (BJP के पास 62), बिहार की 40 में से 39 सीटें (BJP के पास 17) और महाराष्ट्र में 48 में से 41 सीटों (BJP के पास 23) पर कब्जा किया था. 

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NDA को तमाम दलों ने छोड़ा

2019 की तुलना में 2024 में एनडीए गठबंधन काफी कमजोर नजर आ रहा है. तमाम बड़े क्षेत्रीय दलों ने अब बीजेपी का छोड़ दिया है. इनमें पंजाब में अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में एआईडीएमके. ये ऐसे दल हैं जिनका अपने-अपने प्रदेशों में अच्छी पकड़ है. हालांकि, इन प्रदेशों में बीजेपी ने नए साथी जरूर तलाश लिए हैं. बिहार में जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा साथ आए हैं. तो वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना के दो फाड़ हो गए और एक एकनाथ शिंदे वाला गुट बीजेपी के साथ है. शरद पवार के भतीजे अजीत पवार भी एनसीपी को तोड़कर बीजेपी के साथ खड़े हैं. आंध्र प्रदेश में पवन कल्याण बीजेपी गठबंधन में शामिल हो गए हैं. 

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