BPSC Student Protest: पटना में BPSC के दफ्तर के सामने नॉर्मलाइजेशन का विरोध कर रहे छात्र उस समय उग्र हो गए जब पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. BPSC अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज के बाद अब लड़ाई आर-पार की हो गई है. प्रशासन के मना करने के बाद भी गांधी मैदान में 'छात्र संसद' का आयोजन करने और पटना की सड़कों पर मार्च निकालने को लेकर प्रशासन ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर सहित 21 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई है. इतना सबकुछ झेलने के बाद भी अभ्यर्थी पटना में डटे हुए हैं. वहीं अब इस मामले में राज्यपाल ने हस्तक्षेप किया है. राज्यपाल ने BPSC के चेयरमैन के अलावा पटना के जिलाधिकारी और एसपी को तलब किया. दूसरी ओर अभ्यर्थियों के एक डेलीगेशन ने मुख्य सचिव से मुलाकात की. खबर लिखे जाने तक बैठक जारी थी. आइए जानते हैं क्या है पूरा विवाद, क्यों छात्र आंदोलन कर रहे हैं.
- बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा, जो 13 दिसंबर 2024 को आयोजित हुई थी को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है. इस पूरे विवाद में कुछ बातें काफी सुनाई दे रही हैं, जैसे- BPSC री-एग्जाम... नॉर्मलाइजेशन और पेपर लीक के आरोप.
- बता दें कि 13 दिसंबर 2024 को पटना के बापू सभागार में आयोजित परीक्षा में प्रश्न पत्र वितरण में देरी और पेपर लीक के आरोपों के चलते परीक्षार्थियों ने हंगामा किया और सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया था. तभी से अभ्यर्थी पूरी परीक्षा रद्द करके फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं.
- अब समझते हैं कि नॉर्मलाइजेशन क्या होता है, जिस पर इतना विवाद हो रहा है. दरअसल, नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग उन परीक्षाओं में किया जाता है जो अलग-अलग शिफ्टों में आयोजित होती हैं. अगर किसी शिफ्ट का पेपर मुश्किल और किसी शिफ्ट का आसान हो, तो नॉर्मलाइजेशन कठिनाई के इस अंतर को संतुलित करने में मदद करता है.
- यह प्रक्रिया सभी अभ्यर्थियों के प्रदर्शन की निष्पक्ष तुलना करने में मदद करती है. हालांकि, कभी-कभी जिन छात्रों का स्कोर वास्तविक में अच्छा होता है, लेकिन उनके शिफ्ट का औसत स्कोर अधिक होने के कारण, उनका नॉर्मलाइज्ड स्कोर कम हो जाता है. जिससे उनकी परेशानी बढ़ जाती है.
- इसी कारण से अभ्यर्थी नॉर्मलाइजेशन का विरोध करते हुए वन शिफ्ट-वन पेपर की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर बीपीएससी के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा ने साफ तौर पर कहा था कि नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. इसको लेकर अफवाह उड़ाई जा रही हैं.
- बीपीएससी ने बापू सभागार में हुई परीक्षा को रद्द करके फिर से परीक्षा कराने की घोषणा की है. वहीं अभ्यर्थियों की मांग है कि पूरी परीक्षा को रद्द करके फिर से कराया जाए. आंदोलनकारियों का आरोप है कि कुछ लोगों की सेटिंग की जा चुकी है. उनका चयन करने के लिए ही पेपर लीक हुआ था और अब एक केंद्र पर ही दोबारा परीक्षा कराई जा रही है.
- अभ्यर्थियों को आशंका है कि कहीं उस केंद्र पर री-परीक्षा में आसान पेपर ना सेट कर दिया जाए. वहीं दूसरी ओर आयोग का कहना है कि 12 हजार अभ्यर्थियों के लिए 12 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों को क्यों परेशान किया जाए.
- आइसा (AISA), एबीवीपी (ABVP) जैसे संगठन के छात्र सक्रिय तौर पर इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं. कई विपक्षी दलों का साथ भी छात्रों को मिल रहा है. कुछ शैक्षणिक विशेषज्ञ और कोचिंग संस्थान भी इस विवाद में छात्रों के समर्थन में उतरे हैं. सोशल मीडिया पर भी इस विवाद को लेकर काफी आंदोलन हो रहा है.
- रविवार (29 दिसंबर) की शाम को भी छात्र अपनी मांगों को लेकर जेपी गोलंबर चौक पर प्रदर्शन कर रहे थे. प्रदर्शन कर रहे इन छात्रों को पुलिस ने वहां से हटा दिया है. पुलिस ने छात्रों को हटाने के लिए पहले लाठीचार्ज किया और बाद में उनपर वाटर कैनन से पानी की बौछार भी की गई.
- बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने पांच छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल को मिलने बुलाया गया है. छात्रों का कहना है कि अगर बातचीत में कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो इसके बाद वो कल तय करेंगे कि अब आगे कि क्या रणनीति होनी चाहिए.
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