Darbhanga AIIMS: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया कि अब दरभंगा एम्स के निर्माण की सारी बाधाएं दूर हो चुकी हैं और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने वाला है. इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद के आगे मोदी सरकार झुक गई.
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Darbhanga AIIMS: बिहार के दरभंगा जिला में आखिरकार एम्स निर्माण का रास्ता साफ हो चुका है. अब दरभंगा में उसी जगह एम्स का निर्माण होगा, जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते थे. ये जानकारी खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दी. दरभंगा में मेडिकल कॉलेज अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से कहा कि दरभंगा के शोभन में एम्स बनाने को लेकर केंद्र से मंजूरी आ गई है. पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना के बाद बिहार में दूसरा एम्स दरभंगा में बनेगा, जिसके लिए शोभन में जमीन चिह्नित कर ली गई है.
नीतीश कुमार के इस बयान से साफ हो गया कि अब दरभंगा एम्स के निर्माण की सारी बाधाएं दूर हो चुकी हैं और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने वाला है. इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद के आगे मोदी सरकार झुक गई. दरअसल, जमीन को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच मदभेद था. शुरू में दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (DMCH) के पास ही एम्स निर्माण की बात हुई थी. नीतीश कुमार जैसे ही महागठबंधन में शामिल हुए उन्होंने जगह बदल दी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार ने शोभन बाइपास पर एम्स बनाने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया. जिस पर केंद्र सरकार तैयार नहीं हुई. इसी बात पर राजनीति चल रही थी और एम्स का निर्माण कार्य लटका हुआ था.
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उधर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने दरभंगा एम्स को लेकर जो बयान दिया, उसकी काफी चर्चा हो रही है. दरभंगा एम्स पर राजनीति के मुद्दे पर तेजस्वी ने कहा था कि दरभंगा एम्स के लिए केंद्र की सरकार 500 करोड़ देगी और हमारा सिर्फ जमीन देने में 3 हजार करोड़ रुपया लग रहा है. इस काम में पैसा ज्यादा हमारा लग रहा है और प्रचार मोदी का होगा. केंद्र सरकार प्रचार करके इसका क्रेडिट ले लेगी. तेजस्वी यादव के इस बयान को सुनकर आप भी सहज अनुमान लगा सकते है कि आखिर दरभंगा में एम्स का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है?