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पटना: Nitish Kumar: देश में या बिहार में जब भी चुनाव होने वाला रहता है उसके कुछ दिन पहले से विपक्षी एकता को एकजुट करने की कवायद तेज हो जाती है. लेकिन अंत में जाकर सभी योग्य पार्टियां हैं वह नहीं हो पाते हैं और इसका नतीजा कई बार लोगों ने देखा है कि अंत समय में पार्टी अलग-अलग चुनाव लड़ने लगती हैं. देश में 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं कई पार्टियों के बड़े नेता विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी विपक्षी एकता एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं.
वहीं जेडीयू के एमएलसी भीष्म साहनी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी का जो तानाशाही रवैया है उसको लेकर विपक्षी एकता को एक करने के लिए मुख्यमंत्री लगातार प्रयास कर रहे हैं. पहली कड़ी में राहुल गांधी के साथ अन्य नेताओं के साथ मुलाकात किया गया है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से भी मुख्यमंत्री ने मुलाकात की. वहीं दूरी कड़ी में ममता बनर्जी ,अखिलेश सिंह और नवीन पटनायक से लगातार संपर्क में है और मुलाकात करेंगे.
आरजेडी के प्रवक्ता सारिका पासवान ने कहा देश की जो पार्टियां गैर बीजेपी हैं 2024 के चुनाव को लेकर एक हो रही है. क्योंकि बीजेपी को हटाना है तमाम विपक्षी दल एक हो रहे हैं. 2024 के चुनाव का बिगुल फूंका गया है. बीजेपी 2024 में सत्ता से बाहर जारी है. उसी को लेकर तमाम मुलाकाते हैं. लालू यादव के आशीर्वाद और मार्गदर्शन में यह तमाम चीजें हो रही हैं तो उनको कैसे दरकिनार किया जा सकता है.
वहीं सीएम नीतीश कुमार के द्वारा किए जा रहे हैं मुलाकात को लेकर बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने कहा कि नीतीश कुमार किस से मिलते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वो हारे हुए हताशा और निराशा वाले लोग हैं. यह नरेंद्र मोदी से लड़ाई नहीं लड़ पाएंगे जो खुद अपने राज्य में जीत नहीं पाया हो पाए किसी के सहारे आज तक मुख्यमंत्री बना हो. ममता और अखिलेश अपने बूते से मुख्यमंत्री बने थे और नीतीश कुमार कभी भाजपा कभी आरजेडी के बैसाखी से बने हैं.
इनपुट- रूपेंद्र श्रीवास्तव