महागठबंधन है भ्रष्टाचारियों की जमात, जेल जाने से बचने के लिए हुए हैं एक: गिरिराज सिंह
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महागठबंधन है भ्रष्टाचारियों की जमात, जेल जाने से बचने के लिए हुए हैं एक: गिरिराज सिंह

 बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आज बेगूसराय में महागठबंधन के भ्रष्टाचार और तेलंगाना सीएम के बिहार के डीएनए के सवाल उठाने को लेकर जमकर निशाना साधा है.

 (फाइल फोटो)

बेगूसराय: बेगूसराय के सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आज बेगूसराय में महागठबंधन के भ्रष्टाचार और तेलंगाना सीएम के बिहार के डीएनए के सवाल उठाने को लेकर जमकर निशाना साधा है. गिरिराज सिंह ने कहा कि महागठबंधन भ्रष्टाचारियों की जमात है और जेल जाने से बचने के लिए सभी एक हो रहे हैं. 

उन्होंने आगे कहा,' आज कांग्रेस के सांसद के घर से करोड़ों रुपया कैश निकाल रहा है ममता बनर्जी के पार्टी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप में है. अरविंद केजरीवाल के कई मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में है बिहार में लालू यादव भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. महागठबंधन के जितने नेता हैं सभी भ्रष्टाचार से बचने के लिए घमंडियां गठबंधन बनाया है . धीरज साहू के घर से बरामद पैसे को लेकर राहुल गांधी प्रियंका गांधी की जुवान बंद है क्या यह सभी पैसा प्रधानमंत्री को चुनाव में हारने के लिए इकट्ठा किया गया था. लेकिन मोदी जी का संकल्प है कि जब तक वह रहेंगे एक-एक भ्रष्टाचारियों को पकड़ कर जेल में डालेंगे.'

वहीं, दूसरी और तेलंगाना के सीएम के रेवंत रेड्डी के द्वारा बिहार के डीएनए के पर सवाल उठाने पर महागठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि आज विपक्ष के सभी नेताओं के मुंह में बर्फ जम गया है . 2010 में जब डीएनए पर सवाल उठा था तो नीतीश कुमार सैंपल भेज रहे थे लेकिन आज महागठबंधन के किसी नेताओं के द्वारा कोई बात नहीं कहीं जा रही है. महागठबंधन के नेताओं को सांप सूंघ गया है. क्या बिहार का अपमान नीतीश कुमार सहेंगे, लाल यादव सहेंगे?वो क्यों चुप है इसका जवाब देना होगा. महागठबंधन दक्षिण भारत उत्तर भारत में बांटने का काम करती है तो कांग्रेस के मुख्यमंत्री डीएनए पर सवाल उठाते हैं इसका जवाब देना होगा. 

लोकसभा से सांसद महुआ मैत्रेई के सदस्यता जाने पर कहा कि जब सोमनाथ दादा अध्यक्ष थे तो 10 सांसदों को पैसा लेने के आरोप में बर्खास्त किया था. इनकी भी पैसा लेने के आरोप में सदस्यता गया है और उसमें एफिडेविट दिया गया है. आज देश के कानून में कानून में एफीडेविट देने का प्रावधान है. आज साक्ष्य के आधार पर उनकी सदस्यता गई है.

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