Hemant Soren Profile: तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे हेमंत सोरेन, देखें सियासी विरासत को कैसे संभाला
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Hemant Soren Profile: तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बनेंगे हेमंत सोरेन, देखें सियासी विरासत को कैसे संभाला

Hemant Soren News: हेमंत सोरेन, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन तीसरी संतान हैं. उन्होंने 2005 में पढ़ाई अधूरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था.

हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

Hemant Soren Profile: जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन आज (गुरुवार, 4 जुलाई) को तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. वह प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इससे पहले कल (बुधवार) उन्हें इंडिया ब्लॉक में विधायक दल का नेता चुना गया था. जिसके बाद चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. चंपई सोरेन के इस्तीफे के तुरंत बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था. पहले खबर आई थी कि वह 7 जुलाई को शपथ लेंगे, लेकिन अब वह आज ही शपथ लेंगे. हालांकि, अभी शपथ ग्रहण समारोह का स्थान और समय निर्धारित नहीं हुआ है. राजभवन की ओर से जारी आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने आज हेमंत सोरेन को मनोनीत मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करते हुए शपथ ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया गया.

कौन हैं हेमंत सोरेन? 

हेमंत सोरेन को राजनीति विरासत में मिली है. वह झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे हैं. झारखंड में शिबू सोरेन को गुरू जी कहकर भी संबोधित किया जाता है. शिबू सोरेन के तीन बेटे और एक बेटी थी. सबसे बड़े बेटे दुर्गा सोरेन की मौत हो चुकी है. दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन अब बीजेपी में हैं. बेटी अंजलि सोरेन राजनीति से दूर हैं. जबकि हेमंत सोरेन और बंसत सोरेन दोनों राजनीति में सक्रिय हैं. हेमंत सोरेन की शादी कल्पना सोरेन से हुई है. कल्पना भी अब सक्रिय राजनीति में आ चुकी है. हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के 2 बच्चे हैं, जिनके नाम निखिल व अंश हैं.

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राजनीतिक सफर 

शिबू सोरेन के मंझले बेटे हेमंत सोरेन ने पढ़ाई अधूरी छोड़कर सियासत में कदम रखा था. उन्होंने 2005 में पहली बार दुमका सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जेएमएम के बागी स्टीफन मरांडी से हार गए थे. इसके बाद विधानसभा चुनाव 2009 में उन्होंने जीत दर्ज की. 2009 में थोड़े समय के लिए राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं. 2010 में गठबंधन की अर्जुन मुंडा सरकार में वे उपमुख्यमंत्री बनाए गए, हालांकि बाद में उन्होंने समर्थन वापस ले लिया और इस्तीफा दे दिया. 2013 में पहली बार प्रदेश की कमान संभाली थी. 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक राज्य में शासन किया. 2014 विधानसभा चुनाव में जेएमएम दूसरे नंबर की पार्टी बनी और हेमंत सोरेन नेता प्रतिपक्ष बनाए गए. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल करके फिर से सीएम बने और अब तीसरी बार सीएम बनने वाले हैं.

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