Champai Soren Profile: चंपई सोरेन को सीएम बनाते वक्त हेमंत सोरेन ने उन्हें कोल्हान का टाइगर बताया था. अलग झारखंड राज्य की मांग को लेकर शिबू सोरेन के साथ मिलकर उन्होंने एक लंबी लड़ाई लड़ी है.
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Champai Soren Profile: झारखंड में कल (बुधवार, 3 जुलाई) बड़ा सियासी घटनाक्रम देखने को मिला. जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए चंपई सोरेन ने बड़ी कुर्बानी देते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, हेमंत आगामी 7 जुलाई को तीसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे. बता दें कि 31 जनवरी में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी से पहले हेमंत सोरेने ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और चंपई सोरेन को अपना उत्तराधिकारी चुना था. हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते ही उन्हें जमानत दे दी. जमानत पर बाहर आए हेमंत सोरेन एक बार फिर से प्रदेश की कमान संभालने वाले हैं. उनके जेल से बाहर आते ही चंपई सोरेन ने कुर्सी छोड़ दी है. हालांकि, बीजेपी का आरोप है कि हेमंत सोरेन ने जबरन चंपई सोरेन को कुर्सी से उतार दिया है.
कौन हैं चंपई सोरेन?
चंपई सोरेन को सीएम बनाते वक्त हेमंत सोरेन ने उन्हें कोल्हान का टाइगर बताया था. वह सरायकेला-खरसावां जिले स्थित जिलिंगगोड़ा गांव के रहने वाले हैं. उन्हें हेमंत सोरेन परिवार के बेहद करीबी माना जाता है. अलग झारखंड राज्य की मांग को लेकर शिबू सोरेन के साथ मिलकर उन्होंने एक लंबी लड़ाई लड़ी है. जेएमएम में कई बार हुए विभाजन के बाद भी वो शिबू सोरेन के साथ डटे रहे थे. 1991 में वह पहली बार निर्दलीय जीत दर्ज करके विधायक बने थे. इसके बाद में वो जेएमएम में शामिल हो गए. साल 2000 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2005 के बाद से वो लगातार जीतते आ रहे हैं.
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BJP सरकार में भी रह चुके हैं मंत्री
अर्जुन मुंडा की 2 साल 129 दिन की सरकार में झामुमो नेता चंपई सोरेन को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. उस वक्त उनके पास कई अहम मंत्रालय थे. चंपई 11 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक मंत्री रहे. इसके बाद राष्ट्रपति शासन लग गया था और फिर हेमंत सोरेन की अगुवाई में बनी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार में चंपई सोरेन को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन मंत्री बनाया गया. दूसरी बार उन्हें 2019 में हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया था. हेमंत के जेल जाने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया था.