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Lalu Prasad Yadav: 23 जून को विपक्षी दलों की महाबैठक के बाद से लालू प्रसाद यादव पूरे फाॅर्म में हैं. 23 जून की महाबैठक के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में लालू प्रसाद यादव की पहली लाइन थी- 'अब मैं फिट हो गया हूं और नरेंद्र मोदी को भी फिट कर दूंगा.' उसके बाद राजद के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में लालू प्रसाद यादव ने एक बार फिर पीएम मोदी को निशाना बनाया. लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'उखाड़ के फेंक देब, जब तू ना रहबअ तब का होई. नरेंद्र मोदी सोच लअ, हम तो फूल-माला बेचकर भी जी लेंगे लेकिन तोहर का होई.' इसी तरह गुरुवार को जब लालू प्रसाद यादव अपना ब्लड टेस्ट कराने दिल्ली जा रहे थे तो एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में बोले- 'वापस आने के बाद नरेंद्र मोदी की विदाई की भी तैयारी करनी है.' इसके अलावा लालू प्रसाद यादव ने यह भी कहा, 'बिना पत्नी का पीएम नहीं होना चाहिए. यह ठीक नहीं है कि पीएम की कोठी में प्रधानमंत्री बिना पत्नी के रहे.' वैसे देखा जाए तो यह बात उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए कही लेकिन वो कहते हैं कि एक तीर और दो निशाने. यहां तो लालू प्रसाद यादव ने एक तीर से कई निशाने साध दिए.
6 जुलाई को पटना रवाना होने से पहले राजद प्रमुख ने कहा, ब्लड टेस्ट कराने का समय आ गया है. यह टेस्ट पटना में नहीं होता है, दिल्ली में ही होता है, इसलिए मैं दिल्ली जा रहा हूं. लौटने के बाद बेंगलुरू भी जाना है और वहां पीएम मोदी की विदाई की तैयारी करनी है. इस बीच एक पत्रकार ने पूछा कि 23 जून को आपने राहुल गांधी को वाकई बारात का दूल्हा बनने की सलाह दी थी या फिर इसके राजनीतिक मायने हैं. इस पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने कहा, 'वो तो मैंने शादी करने के लिए कहा था, लेकिन एक बात मैं कहता हूं कि पीएम की कोठी में प्रधानमंत्री बिना पत्नी का नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि जो भी पीएम हो, बिना पत्नी का नहीं होना चाहिए. बिना पत्नी के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर रहने वाले लोग... यह तरीका गलत है. इसको बदलना चाहिए.'
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लालू प्रसाद यादव ने निशाना तो पीएम नरेंद्र मोदी को बनाया लेकिन उन्हीं की बातों को आधार मानें तो इस जद में तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बिहार के मुख्यमत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबको इस तर्क के दायरे में ला दिया. राहुल गांधी की शादी नहीं हुई है, तो वह भी अगर प्रधानमंत्री बनते हैं तो भी बिना पत्नी के ही रहेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पत्नी का देहात हो चुका है तो अगर उन्हें प्रधानमंत्री बनने का मौका मिलता है तो वे भी पीएम कोठी में बिना पत्नी के ही रहेंगे. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शादीशुदा नहीं हैं तो अगर उन्हें भी प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला तो वो भी पति के बिना ही पीएम की कोठी में रहेंगी. इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी अगर भविष्य में प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला तो उनके साथ भी ऐसा ही होगा.
इस तरह पीएम मोदी के बहाने लालू प्रसाद यादव ने एक साथ राहुल गांधी, नीतीश कुमार और ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं को अपने तर्क के साथ खारिज कर दिया है, क्योंकि प्रधानमंत्री बनने के लिए जो अनिवार्य शर्त लालू प्रसाद यादव बता रहे हैं, वो शर्त इनमें से कोई भी पूरा नहीं कर पाएगा. बता दें कि बिहार के महागठबंधन में इस समय शिक्षा विभाग को लेकर जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल आमने-सामने हैं. एक तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र केके पाठक हैं तो दूसरी तरफ लालू प्रसाद यादव के विश्वासपात्र चंद्रशेखर. दोनों ओर से मोर्चेबंदी चल रही हैं. गुरुवार को ही सुबह-सुबह लालू प्रसाद यादव ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को तलब किया था. उसके बाद से वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए.