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Lok Sabha Election 2024: बिहार में अभी विपक्षी एकता की बड़ी-बड़ी बातें कही जा रही हैं. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने इसके लिए बंगाल से लेकर महाराष्ट्र तक का रास्ता नाप लिया है. अभी उनको आगे भी बहुत जगहों पर जाना है. इस बीच पटना में विपक्ष की आॅल पार्टी मीटिंग (Opposition All Party Meeting) भी हो सकती है. अब सवाल यह है कि जिस विपक्षी एकता की बड़ी-बड़ी बातें कही जा रही हैं, वो क्या वाकई इस हालत में होगी कि बिहार में एनडीए (NDA) को पछाड़ देगी. क्या महागठबंधन को इतनी सीटें मिल पाएंगी कि मोदी मैजिक को भी ध्वस्त कर दे. इसके लिए आपको 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी दलों को मिले वोटों पर नजर दौड़ाना होगा. लोकसभा चुनाव 2019 में जेडीयू बीजेपी और लोजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी और इस गठबंधन ने विपक्ष को धूल चटा दी थी. 40 में से केवल 1 सीट कांग्रेस को मिली थी. बाकी सभी 39 सीटों पर बीजेपी-जेडीयू-लोजपा गठबंधन ने जीत दर्ज की थी. अब जेडीयू महागठबंधन का हिस्सा है और लोकसभा चुनाव 2024 में पूरा विपक्ष एक होकर चुनाव लड़ना चाह रहा है. इसकी कवायद भी शुरू हो गई है. इसलिए देखना होगा कि लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी गठबंधन को कितने वोट और कितनी सीटें मिली थीं.
2019 में बीजेपी गठबंधन को कितने वोट मिले थे
बिहार में 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 24.06 प्रतिशत यानी 96,19,548 वोट हासिल हुए थे. बीजेपी को तब 17 सीटें मिली थीं. उसकी सहयोगी दल लोजपा को 8.02 फीसदी यानी 32,06,979 वोट मिले थे और उसे 6 सीटें मिली थीं. हालांकि लोजपा का विभाजन हो गया है, लेकिन बीजेपी की कोशिश दोनों धड़ों के बीच सुलह कराने की है और इसे लेकर वह प्रयासरत भी है. उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल इस बार बीजेपी के साथ हो सकती है. 2019 के चुनाव में यह रालोसपा के रूप में बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रही थी. तब रालोसपा को 3.66 प्रतिशत यानी 14,62,518 वोट मिले थे. हालांकि उसे कोई सीट नहीं मिली थी. मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी को 1.65 प्रतिशत 6,60,706 वोट मिले थे लेकिन उसे भी कोई सीट हासिल नहीं हुई थी. हालांकि यह तय नहीं है कि विकासशील इंसान पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी के साथ मिलकर लड़ेगी या नहीं. फिर भी संभावनाओं के आधार पर हमने वीआईपी पार्टी को बीजेपी के साथ रखा है.
Lok Sabha Election 2019 (BJP & Allies Performance)
BJP | 9619548 | 24.06 प्रतिशत | 17 सीट |
LJP | 3206979 | 8.02 प्रतिशत | 6 सीट |
RLSP | 1462518 | 3.66 प्रतिशत | |
VIP | 660706 | 1.65 |
विपक्ष में नहीं होगा एआईएमआईएम
अब चूंकि विपक्षी दलों के नेता सामूहिक विपक्ष की बातें करने लगे हैं तो बीजेपी और उसके सहयोगी दलों को छोड़ बाकी सभी सभी ऐसे वोट जो दूसरे दलों को गए हैं, उसे हमने विपक्षी दलों के खाते में रखा है. उसमें एआईएमआईएम शामिल नहीं है, क्योंकि वह न तो बीजेपी के साथ है और न अभी तक विपक्ष के बाकी दलों के साथ. विपक्ष में जिन दलों को हमने साथ रख है उनमें टीएमसी, बसपा, सपा, सीपीआई, सीपीआई-एम, कांग्रेस, एनसीपी, आम आदमी पार्टी, फाॅरवर्ड ब्लाॅक, जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी, जेडीयू, झामुमो, राजद और शिवसेना शामिल हैं.
2019 में विपक्ष को कितने वोट मिले थे
अब आइए जानते हैं 2019 के लोकसभा चुनाव में किसको कितनी सीटें मिली थीं. विपक्ष के इन सभी दलों के वोटों को जोड़ लें तो उनका टोटल वोट 1,94,93,366 होता है. वहीं भाजपा और उसके सहयोगी दलों के वोट जोड़ लें तो उनका टोटल 1,49,49,748 होता है. इस तरह इन दोनों धड़ों के बीच का अंतर 45,43,618 होता है. इस तरह भाजपा गठबंधन और विपक्षी गठबंधन के बीच 45,43,618 वोटों का गैप है, अगर 2019 के चुनाव को आधार मानें तो. यहां हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि 2019 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशियों ने 22,27,705 वोट हासिल किए थे तो नोटा का बटन 8,16,950 लोगों ने दबाया था.
Lok Sabha Election 2019 (Opposition Performance)
तृणमूल कांग्रेस | 5483 | 0.01 प्रतिशत | |
बसपा | 682428 | 1.71 प्रतिशत | |
सीपीआई | 280250 | 0.7 प्रतिशत | |
सीपीआई-एम | 27577 | 0.07 प्रतिशत | |
कांग्रेस | 3140797 | 7.85 प्रतिशत | 1 सीट |
एनसीपी | 38991 | 0.1 प्रतिशत |
|
आप | 26147 | 0.07 प्रतिशत | |
फाॅरवर्ड ब्लाॅक | 16454 |
0.04 प्रतिशत |
|
जम्मू कश्मीर पैंथर्स पार्टी | 3545 | 0.01 प्रतिशत | |
जेडीयू | 8902719 | 22.26 प्रतिशत | 16 सीट |
झामुमो | 30853 | 0.08 प्रतिशत | |
राजद | 6270769 | 15.68 प्रतिशत | |
सपा | 2881 | 0.01 प्रतिशत | |
शिवसेना | 64462 | 0.16 प्रतिशत |
अब हकीकत की बात कर लेते हैं
ये तो हो गया नंबर गेम. अब जरा बात कर लेते हैं हकीकत की. हमने जिन दलों के आंकड़े विपक्षी वोट के रूप में शामिल किया है, उनकी संख्या 14 हो रही है. अगर इन सभी दलों ने बिहार में चुनाव लड़ने का मूड बनाया तो क्या होगा. क्या इतने सारे दल किसी राज्य में एक गठबंधन के बैनर तले आ सकते हैं. या तो वे अपनी महत्वाकांक्षाओं का त्याग करें या फिर कुछ नहीं हो सकता. लेकिन एक बात और. यदि ये सब दल अपनी महत्वाकांक्षाओं का त्याग करते हैं तो फिर जेडीयू और राजद को भी दूसरे राज्यों में अपनी महत्वाकांक्षाओं का त्याग करना होगा. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं. राजद और जेडीयू दोनों ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहेंगे और बाकी बची सीटें सहयोगी दलों को दी जाएंगी. ऐसे में इतने सारे दलों को छोड़िए, इनमें से आधे का समायोजन भी आसान नहीं दिखता.