Lok Sabha Election 2024: नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने इससे पहले कांग्रेस को 17:17:4:2 का फॉर्मूला दिया था. इस फॉर्मूले के अनुसार, 17 सीटों पर जेडीयू, 17 पर ही राजद, 4 सीटों पर कांग्रेस और 2 सीटें वामदल को दी जाएंगी. लेकिन कांग्रेस को यह फॉर्मूला पसंद नहीं है. कांग्रेस कम से कम 15:15:8:2 फॉर्मूले की डिमांड कर रही है.
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Lok Sabha Election 2024: रूठने और मनाने से आगे जाते हुए इंडिया ब्लॉक में अब सीटों के फॉर्मूले पर बातचीत शुरू हो गई है. बुधवार को इस संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की बातचीत हुई. बताया जा रहा है कि इस वर्चुअल बैठक में एनसीपी पवार गुट के नेता शरद पवार भी शामिल थे. बैठक में शरद पवार को जिम्मा दिया गया कि वे टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सीटों को लेकर बातचीत करें. उधर, लालू प्रसाद यादव को यह जिम्मेदारी दी गई कि वे रूठे हुए अखिलेश यादव को मनाएं, ताकि सीटों को लेकर आगे की बातचीत हो सके. बता दें कि लालू प्रसाद यादव का समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव बहुत आदर करते हैं और दोनों परिवारों में रिश्तेदारी भी है. इस वर्चुअल बैठक में बिहार में सीटों के बंटवारे के फॉर्मूले पर भी बातचीत हुई.
फ्लैशबैक में चलते हुए बता दें कि पिछले साल 19 दिसंबर को नई दिल्ली में इंडिया ब्लॉक के नेताओं की चौथी बैठक हुई थी. इस बैठक में सभी घटक दलों ने कांग्रेस पर इस बात का दबाव बनाया था कि वह सीटों के बंटवारे को लेकर पहल करे और जल्द से जल्द इसको लेकर एक फॉर्मूला बनना चाहिए, क्योंकि चुनाव में अब बहुत ज्यादा समय नहीं है. उसके बाद कांग्रेस ने गठबंधन का स्वरूप तय करने और किस राज्य में कितनी सीटों पर गठबंधन हो, यह तय करने के लिए एक पैनल का गठन किया. उसके बाद 28 दिसंबर को कांग्रेस आलाकमान ने बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के नेताओं से बातचीत की.
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बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की आलाकमान के साथ बातचीत के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कम से कम 9 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी. 2019 में भी कांग्रेस इतनी ही सीटों पर चुनाव लड़ी थी. कांग्रेस का मानना है कि 2024 में गठबंधन के लिए 2019 के लोकसभा चुनाव को आधार बनाया जाना चाहिए. लेकिन नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव, कांग्रेस को इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. जेडीयू जब भाजपा के साथ थी, तब वह 17 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिनमें से एक सीट हार गई थी और बाकी 16 सीटों पर उसने जीत हासिल की थी.
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नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव ने इससे पहले कांग्रेस को 17:17:4:2 का फॉर्मूला दिया था. इस फॉर्मूले के अनुसार, 17 सीटों पर जेडीयू, 17 पर ही राजद, 4 सीटों पर कांग्रेस और 2 सीटें वामदल को दी जाएंगी. लेकिन कांग्रेस को यह फॉर्मूला पसंद नहीं है. कांग्रेस कम से कम 15:15:8:2 फॉर्मूले की डिमांड कर रही है. इस फॉर्मूले के अनुसार, 15 सीट पर जेडीयू, 15 सीट पर राजद, 8 सीट पर कांग्रेस और 2 सीट वामदल के लिए छोड़ा जा सकता है. जेडीयू यह किसी भी कीमत पर नहीं चाहती कि एनडीए में रहते हुए जितनी सीटें उसे मिली थीं, उससे भी कम कीमत पर वह इंडिया ब्लॉक में रहे. 17 से कम सीटों पर तो वह कतई राजी नहीं हो सकती. एक बात और है कि कांग्रेस की हालत को देखते हुए क्षेत्रीय दल उसे चुनाव लड़ने के लिए अधिक सीटें नहीं देना चाहते. अब देखना यह है कि नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस के फॉर्मूले से अलग कौन से फॉर्मूला निकलकर सामने आता है.