Bihar Latest News: पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता ने तेजस्वी यादव को लेकर बहुत बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव जब सरकार में थे, तब पंचायती राज विभाग में खूब गड़बड़ी हुई. इन गड़बड़ी का जल्द खुलासा होगा. मंत्री ने कहा कि पंचायती राज भवन और सोलर योजना से गांव-गांव तक सोलर लगाने के काम में गड़बड़ी की गई है. विभाग इसकी जांच कर रहा है. जांच में गड़बड़ी सामने दिख रही है.
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Bihar News: बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री केदार गुप्ता ने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव के शासनकाल में जिन योजनाओं पर काम हुआ था, उसमें टेंडर में गड़बड़ी हुई है. टेंडर की राशि तय करने में गड़बड़ी हुई है, जल्द ही जांच कर विभाग खुलासा करेगा. मंत्री केदार गुप्ता ने कहा कि पूरे बिहार के गांव-गांव में सोलर ऊर्जा से रोशनी पहुंचने पर काम हो रहा है, हर वार्ड में सोलर ऊर्जा से रोशनी पहुंचने को लेकर काम हो रहा था, तेजस्वी प्रसाद यादव के शासनकाल में इस योजना से जो काम हुआ उसमें लूटपाट हुआ है, इस पूरी मामले की जांच कर टेंडर को रद्द करने का काम विभाग करेगा. पंचायत सरकार भवन में भी गड़बड़ी हुई है टेंडर की राशि तय करने में, टेंडर में कम राशि में टेंडर लेना होता है जबकि चार से पांच परसेंट अधिक राशि में टेंडर लिया गया है. इस मामले पर राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया सामने आई हैं.
बीजेपी प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि जी न्यूज़ का बहुत-बहुत धन्यवाद है. आज महागठबंधन सरकार के एक और महाघोटाले का पर्दाफाश हो रहा है. प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में से एक सौर ऊर्जा के द्वारा हर एक पंचायत रोशन है. इस योजना का कार्यनावरण बिहार में भी होना था, परंतु तेजस्वी यानी भ्रष्टाचार महागठबंधन की सरकार अपने कार्यकाल में इस महत्वाकांक्षी योजना में भी भ्रष्टाचार कर दिया है.
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार सरकार के मंत्री तेजस्वी यादव के कार्यकाल पर सवाल खड़े कर रहे हैं. पंचायती राज विभाग में गड़बड़ी हुई है खुलासा होगा, तो देर किस बात की हो रही है उसके पहले भी बीजेपी के कई बिहार सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि गड़बड़ी हुई थी. 5 लाख लोगों को नौकरियां बांटी गई थी. यह तेजस्वी यादव की उपलब्धि थी. गड़बड़ी करने वाले अपना बचाव तेजस्वी यादव के ऊपर दोषारोपण करके कर रहे हैं.
जदयू प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा कि जिन्होंने पहले ही पंचायती राज विभाग में जो गड़बड़ियां उसको लेकर प्वाइंट आउट किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमाम बातों पर संज्ञान लेते हुए महागठबंधन से अपना नाता तोड़ दिया, क्योंकि राजद के पास जो जो विभाग थे उन तमाम विभागों में भारी आनिमियता और करप्शन की शिकायतें मिलना शुरू हो गई थी.