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पटना: Bihar News: बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है. ऐसे में मंगलवार का दिन यहां बेहद खास रहा. नीतीश सरकार की तरफ से सदन के पटल पर जातीय जनगणना के आंकड़े रखे गए. वहीं सरकार की तरफ से सामाजिक-आर्थिक आंकड़े भी जारी किए गए. ऐसे में इसको लेकर सदन में बिहार के सीएम नीतीश कुमार संबोधन के लिए खड़े हुए. फिर बिहार में शिक्षा के बेहतर हालात पर बात करते हुए वह सेक्स एजुकेशन की क्लास लेने लगे. महिलाएं शिक्षित हुईं तो किस तरह से जनसंख्या की गति रूकी है. इस पर उन्होंने बोलते हुए अपने बयान और हाव-भाव से कुछ ऐसा कर दिया कि बिहार में अब इसको लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है.
ऐसे में बिहार में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेता संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार के द्वारा सदन में महिलाओं को लेकर की गई टिप्पणी पर कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण पर नीतीश कुमार जिस तरह का बयान विधानमंडल में दे रहे हैं उसे मैं अपने सोशल मीडिया में लगा भी नहीं सकता हूं पर जदयू के कार्यकर्ताओं से जरूर अनुरोध करूंगा कि कृपया अपने नेता का किसी मानसिक आरोग्यशाला में इलाज करवाएं.
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संजय जायसवाल ने आगे अपने X(पहले ट्वीटर) पर लिखा कि मुझे उनके मानसिक रूप से गड़बड़ होने का एहसास पिछले वर्ष अप्रैल में ही हो गया था जब मैं उनके साथ अकेले बैठा था और उनकी बातों को रफू करने के लिए विजय चौधरी या अशोक चौधरी नहीं थे.
आज विधानसभा में जो कुछ हुआ वह यही बता रहा है कि नीतीश कुमार की बुद्धि समाप्त हो चुकी है. वैसे भी नीतीश कुमार का पसंदीदा वाक्य है की कुछ भी अंट-संट बोलता है. पर इसके सिरमौर नीतीश कुमार स्वयं हो चुके हैं. बता दें कि नीतीश कुमार के विधानमंडल में दिए गए बयान पर बिहार की सियासत में हंगामा जारी है. लगातार उनके खिलाफ विपक्षी नेता हमलावर हैं.