Bihar News: सदन में मांझी पर नीतीश का बयान पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को नहीं भाया, दी अपनी राय
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Bihar News: सदन में मांझी पर नीतीश का बयान पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह को नहीं भाया, दी अपनी राय

Bihar News: कैमूर जिले के मोहनिया में राजद की तरफ से दिव्यांगजन संवाद कार्यक्रम का आयोजन था, जिसमें बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह उपस्थित थे. जहां उन्होंने बताया कि सदन के भीतर जो जीतन राम मांझी के ऊपर टिका टिप्पणी की गई है कहीं से भी उचित नहीं है.

फाइल फोटो

कैमूर: Bihar News: कैमूर जिले के मोहनिया में राजद की तरफ से दिव्यांगजन संवाद कार्यक्रम का आयोजन था, जिसमें बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह उपस्थित थे. जहां उन्होंने बताया कि सदन के भीतर जो जीतन राम मांझी के ऊपर टिका टिप्पणी की गई है कहीं से भी उचित नहीं है. क्योंकि सदन के सभी सदस्य बराबर हैं. 

दरअसल सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जीतन राम मांझी को लेकर काफी आपतिजनक शब्दों का प्रयोग किया गया था, जिसको लेकर जीतन राम मांझी लगातार सरकार पर हमलावर हैं. जिस पर सुधाकर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. 

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बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह से मुख्यमंत्री द्वारा जीतन राम मांझी पर सदन में कटाक्ष को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा यह कहीं से भी उचित नहीं है. बिहार विधानसभा के भीतर किसी भी माननीय सदस्य का अधिकार बराबर माना गया है, जो 243 सदस्य हैं वह पद में छोटे हो या बड़े हो सकते हैं पर सभी का अधिकार बराबर है. विधायिका से निकलकर कार्यपालिका जरूर बनती है लेकिन उसका एक अलग काम है. विधानमंडल के भीतर सभी का सम्मान होना चाहिए. बाकी चीजों को बिहार के लोगों ने देखा और सुना है जनता निर्णय लेगी की क्या होगा. 

मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर जब पूछा गया तो उन्होंने कहा सदन के भीतर जो चर्चा हुआ उसे पूरे देश और राज्य ने देखा है. पार्टी के सभी अधिकृत नेताओं का बयान आ चुका है. उसमें अलग से बयान दर्ज करने का कोई अवसर नहीं है. दिव्यांगजनों की हितों के लिए सदन से लेकर सड़क तक हम लोगों ने सवाल जो खड़ा किया है जिस पर सरकार ने सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है. यह हम लोगों के लिए शुभ संकेत है और मुख्यमंत्री के जहां तक उस बयान का मामला है तो मुख्यमंत्री ने उसे वापस ले लिया है. उसके अलावा अब बात करने का कोई जरूरत नहीं है. जब मुख्यमंत्री ने अपने बयान को अफसोस के साथ वापस ले लिया है तो उसको अब देखने की कोई जरूरत नहीं रह गई है. 
मुकुल जायसवाल

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