Women Reservation Bill: अब इस मुद्दे पर क्रेडिट लूटने की राजनीति शुरू हो चुकी है. बीजेपी जहां इस बिल को अपना मास्टर स्ट्रोक बताने में लगी है. वहीं कांग्रेस इस पर अपना अधिकार जता रही है.
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Parliament Special Session 2023: लोकसभा चुनाव 2024 में जाने से पहले मोदी सरकार बड़ा दांव चलने वाली है. जानकारी के मुताबिक, मोदी कैबिनेट की बैठक में महिला आरक्षण बिल पास हो चुका है. हो सकता है कि इस बिल को आज नई संसद में पेश कर दिया जाए. इसी के साथ संसद के विशेष सत्र का एजेंडा भी सामने आ गया है. सोमवार (18 सितंबर) को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है. जानकारी के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में लोकसभा और विधानसभाओं जैसी निर्वाचित संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण को मंजूरी दी गई.
सूत्रों के अनुसार, आज यानी मंगलवार (19 सितंबर) को महिला आरक्षण बिल को संसद में पेश किया जा सकता है. वहीं आज से संसद की कार्यवाही नई बिल्डिंग में शुरू होने वाली है. जैसा कि अंदाजा लगाया जा रहा था कि नई संसद में पहला बिल ऐतिहासिक होगा. ये अंदाजा बिल्कुल सटीक साबित होता हुआ दिख रहा है. महिला आरक्षण बिल से नई संसद की कार्यवाही शुरू होगी.
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केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने एक ट्वीट के जरिए कैबिनेट में महिला आरक्षण बिल पेश होने की जानकारी दी. हालांकि, बाद में उन्होंने अपना पोस्ट डिलीट कर दिया. उन्होंने लिखा था कि महिला आरक्षण की मांग पूरा करने का नैतिक साहस मोदी सरकार में ही था, जो कैबिनेट की मंजूरी से साबित हो गया. अभिनंदन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मोदी सरकार का अभिनंदन. बता दें कि करीब 27 सालों से महिला आरक्षण बिल की मांग हो रही थी. इस मुद्दे पर कई सरकारें बनीं, लेकिन इस मुद्दे पर कोई काम नहीं हुआ.
आखिरी बार कदम 2010 में उठाया गया था, जब राज्यसभा में बिल पास हो गया था. उस दौरान राज्यसभा में जमकर हंगामा देखने को मिला था. हो-हल्ला करने वाले सांसदों को मार्शल के द्वारा बाहर निकलवाया गया था. लेकिन लोकसभा से पारित नहीं हो सका था. आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है. आंकड़ों के मुताबिक, लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या 15 फीसदी से कम है, जबकि राज्य विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व 10 फीसदी से भी कम है.
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अब इस मुद्दे पर क्रेडिट लूटने की राजनीति शुरू हो चुकी है. बीजेपी जहां इस बिल को अपना मास्टर स्ट्रोक बताने में लगी है. वहीं कांग्रेस इस पर अपना अधिकार जता रही है. कांग्रेस पार्टी ने इस बिल के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को क्रेडिट दिया है. कांग्रेस के मुताबिक, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी लगातार इस बिल को पास कराने की कोशिश करते रहे हैं. कांग्रेस नेताओं ने तो इसे अपनी जीत बताया है.