झारखंड के स्थापना दिवस पर अमित शाह ने खास अंदाज में दी शुभकामनाएं
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झारखंड के स्थापना दिवस पर अमित शाह ने खास अंदाज में दी शुभकामनाएं

गौरतलब है कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाती है. इसी दिन झारखंड का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है.

आज ही के दिन झारखंड साल 2000 में अलग राज्य बना था.

रांची/नई दिल्ली: झारखंड राज्य 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मना रहा है. इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने झारखंडवासियों को शुभकामनाएं दीं और राज्य की प्रगति की कामना की. बता दें आज ही के दिन झारखंड साल 2000 में अलग राज्य बना था. 

अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि झारखंड स्थापना दिवस की प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं. गौरवशाली कला-संस्कृति व खनिज संपदा से सम्पन्न भगवान बिरसा मुंडा की तपोभूमि झारखंड की जनता की सुख-समृद्धि व प्रदेश की प्रगति की कमाना करता हूं.

वहीं, आज (मंगलवार) बिरसा मुंडा की जयंती भी है. अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन करता हूं और सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं देता हूं. बिरसा मुंडा जी ने जल, जंगल व जमीन की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया. उनकी वीरता और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए उनका जीवनपयर्ंत संघर्ष हमें निरंतर प्रेरणा देता रहेगा.

गौरतलब है कि 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाती है. इसी दिन झारखंड का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है.वहीं, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को स्वतंत्रता संग्राम के महान जनजातीय नायक भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू पहुंचकर उनकी स्मृतियों को नमन किया. राष्ट्रपति ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि के बाद उनके वंशजों से मुलाकात की. राष्ट्रपति ने कहा कि भगवान बिरसा के जन्म और कर्म से जुड़े स्थानों पर जाना मेरे लिए तीर्थ यात्रा के समान है. उन्होंने इस कार्यक्रम के बाद ट्वीट किया, मैं स्वयं को धन्य महसूस कर रही हूं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद रहे.

भगवान बिरसा की जयंती को पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है. केंद्र सरकार के निर्णय के अनुसार, पिछले साल से ही यह परंपरा शुरू हुई है. झारखंड की राजधानी रांची से 66 किलोमीटर दूर खूंटी जिले में जंगलों-पहाड़ियों से घिरे गांव उलिहातू में 15 नवंबर 1875 को इसी गांव में जन्मे बिरसा मुंडा ने ऐसी क्रांति का बिगुल फूंका था, जिसमें झारखंड के एक बड़े इलाके ने अंग्रेजी राज के खात्मे और 'अबुआ राइज' यानी अपना शासन का एलान कर दिया था.

(आईएएनएस)

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