दुर्दांत नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ बड़का दा का मुख्य कार्यक्षेत्र बोकारो जिला के बेरमो अनुमंडल स्थित गोमिया, नावाडीह, बेरमो प्रखंड का हिस्सा के साथ-साथ हजारीबाग जिला से सटे क्षेत्र रहें हैं.
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रांची : रांची मुख्यालय में आत्मसमर्पण करने वाला 15 लाख का इनामी नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ मिथलेश सिंह उर्फ अवधेश उर्फ को बोकारो के तेनुघाट जेल भेजा जा चुका है. बोकारो में भी इनके खिलाफ कई मामले दर्ज होने के चलते बोकारो के तेनुघाट कोर्ट में भी सुनवाई होनी है. इसी के मद्देनजर उसे तेनुघाट जेल भेजा गया.
दुर्दांत नक्सली दुर्योधन महतो उर्फ बड़का दा का मुख्य कार्यक्षेत्र बोकारो जिला के बेरमो अनुमंडल स्थित गोमिया, नावाडीह, बेरमो प्रखंड का हिस्सा के साथ-साथ हजारीबाग जिला से सटे क्षेत्र रहें हैं. इस क्षेत्र को नक्सलियों ने जिनगा जोन घोषित कर रखा है. इसी जिनगा जोन का जिम्मा मिथलेश के पास था और इसके अंतर्गत गोमिया के झुमरा पहाड़, लुगु पहाड़, जिनगा पहाड़ हैं जहां धमधरवा, लालगढ़, टूटीझरना, मुर्पा, कांशीटांड़,चतरो चट्टी आदि गांव हैं जो पुलिस से छुपने के लिए मिथलेश के सबसे सुरक्षित ठिकाने रहे. वहीं नावाडीह के उपरघाट स्थित कई अतिसंवेदनशील गांव में ठिकाना बना रखा था.
बता दें कल मिथलेश के आत्मसमर्पण से पूर्व जब कथित तौर पर रांची में आत्मसमर्पण की अफवाह थी. पुलिस ने मिथलेश उर्फ दुर्योधन की पहचान छिपाते हुए पुलिस से मिलती जुलती वर्दी पहनाकर 29 जनवरी 23 को धमधरवा गांव पहुंची थी और उसकी निशानदेही पर कोड़ी, गैता, सब्बल, फावड़ा आदि उपकरण के साथ जिनगा पहाड़ में बहुत बड़ा सर्च अभियान चलाया गया था. इस सर्च अभियान में सिर्फ झारखंड जगुआर की कंपनी शामिल हुई थी. सीआरपीएफ और जिला पुलिस को इस ऑपरेशन से दूर रखा गया था. तेनुघाट लाए जाने के मामले में बोकारो के पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते रहे क्योंकि आत्मसमर्पण रांची मुख्यालय में किया गया था.
इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा
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