Jharkhand News: केंद्र ने झारखंड हाईकोर्ट में कहा,'संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला गंभीर'
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Jharkhand News: केंद्र ने झारखंड हाईकोर्ट में कहा,'संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला गंभीर'

Jharkhand High Court: बांग्लादेशी घुसपैठ से बदल रही डेमोग्राफी मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट सुनवाई में हुई. इस सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने कोर्ट से समय देने की मांग की.

 

Jharkhand News: केंद्र ने झारखंड हाईकोर्ट में कहा,'संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला गंभीर'

रांची: Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट ने संथाल परगना में बांग्लादेशियों की घुसपैठ के मामले में दायर जनहित याचिका पर गुरुवार को एक बार फिर सुनवाई की. केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने कहा कि संथाल परगना में बांग्लादेशियों की घुसपैठ की स्थिति अलार्मिंग है. इसकी वजह से इलाके की डेमोग्राफी प्रभावित हो रही है. आदिवासी आबादी के प्रतिशत में गिरावट भी गंभीर विषय है. घुसपैठिए झारखंड के रास्ते देश के अन्य राज्यों में घुसकर वहां की आबादी को प्रभावित कर सकते हैं. केंद्र सरकार इस मामले में अपने सभी स्टेकहोल्डर आईबी, बीएसएफ आदि से विचार-विमर्श के बाद कोर्ट में जल्द ही एक कंप्रिहेंसिव जवाब दाखिल करेगी.

झारखंड हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस एके राय की खंडपीठ ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर तय की है. गुरुवार को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता वर्चुअल मोड में जुड़े.

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उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि इस मामले में आईबी को प्रतिवादी की सूची से हटाया जाए, क्योंकि उसके पास कई गोपनीय सूचनाएं होती हैं, जिन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से आवेदन दाखिल करने को कहा. कोर्ट ने इस याचिका पर 22 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, इंटेलिजेंस ब्यूरो, यूआईएडीएआई और बीएसएफ की ओर से जवाब दाखिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई थी.

पूर्व की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को आदेश दिया गया था कि घुसपैठियों की पहचान सुनिश्चित कराने में स्पेशल ब्रांच की मदद लेकर कार्रवाई करें. संथाल परगना प्रमंडल के सभी छह जिलों के उपायुक्तों को भी आदेश दिया गया था कि लैंड रिकॉर्ड से मिलान किए बिना आधार, राशन, वोटर और बीपीएल कार्ड जारी नहीं करें. कोर्ट ने यह भी कहा था कि जिन दस्तावेजों के आधार पर राशन, वोटर या आधार कार्ड बनाए गए हैं, वो जायज ही हों, ये नहीं कहा जा सकता. इसकी वजह से राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं में भी हकमारी हो रही है.

झारखंड हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका जमशेदपुर निवासी दानियल दानिश ने दायर की है. इसमें कहा गया है कि जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज आदि झारखंड के बॉर्डर इलाके से बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड आ रहे हैं. इससे इन जिलों में जनसंख्या में कुप्रभाव पड़ रहा है. इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे स्थापित किए जा रहे हैं. स्थानीय आदिवासियों के साथ वैवाहिक संबंध बनाया जा रहा है.

उनके अधिवक्ता ने राष्ट्रीय जनगणना के हवाले से हाईकोर्ट के समक्ष जो डाटा पेश किया है, उसके मुताबिक साल 1951 में संथाल परगना क्षेत्र में आदिवासी आबादी 44.67 प्रतिशत से घटकर साल 2011 में 28.11 प्रतिशत हो गई है. इसके पीछे की एक बड़ी वजह बांग्लादेशी घुसपैठ है. अगर इस सिलसिले पर रोक नहीं लगाई गई तो स्थिति गंभीर हो जाएगी.

इनुपट-आईएएनएस

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