भूपेश बघेल ने राजभवन की चुप्पी पर उठाए सवाल, कहा-अंदर कुछ तो पक रहा है
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भूपेश बघेल ने राजभवन की चुप्पी पर उठाए सवाल, कहा-अंदर कुछ तो पक रहा है

Jharkhand Political Crisis: झारखंड में जारी सियासी संग्राम के बीच, मंगलवार को सत्तापक्ष के विधायकों को रायपुर शिफ्ट किया गया है. माना जा रहा है कि विधायकों को यहां से जयपुर या फिर हैदराबाद भेजा जा सकता है.

(फाइल फोटो)

रायपुर/रांची: Jharkhand Political Crisis: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि झारखंड सरकार ने अपने विधायकों को खरीद-फरोख्त की आशंका के चलते रायपुर भेजा दिया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के 32 विधायक मंगलवार को रायपुर पहुंचे तथा यहां के एक रिजॉर्ट में ठहरे हैं. 

भूपेश बघेल ने राजभवन की चुप्पी पर उठाए सवाल
बघेल ने बुधवार को हिमाचल प्रदेश रवाना होने से पहले स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा, ‘झारखंड के विधायक आए हैं. अभी जिस प्रकार की चर्चा है कि चुनाव आयोग ने कोई पत्र दिया है और एक सप्ताह हो गया है लेकिन राजभवन ने इस संबंध में कुछ नहीं कहा है, तो इसका मतलब यही है कि अंदर कुछ न कुछ पक रहा है. तो ऐसी स्थिति में वहां की दोनों पार्टियों झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने अपने विधायकों को सुरक्षित रखने का फैसला किया. इसीलिए वे छत्तीसगढ़ आए हैं, उनका स्वागत है.' 

रमन सिंह के ट्वीट पर उठाए सवाल
वहीं, मंगलवार की शाम को झारखंड के विधायकों के रायपुर पहुंचने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर तंज कसा था. इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘जब, मध्यप्रदेश, राजस्थान के विधायक, महाराष्ट्र के विधायकों को लाया गया तब रमन चुप क्यों थे, उस समय उनकी बोलती क्यों बंद थी. उस समय बोलना चाहिए था. यह तो हमारे पार्टी के लोग हैं. हमारे गठबंधन के लोग हैं. उसमें उनको तकलीफ क्यों हो रही है.’ 

32 विधायकों को रायपुर शिफ्ट किया गया
बघेल ने मंगलवार की रात मेफेयर रिजॉर्ट जा कर झारखंड के विधायकों से मुलाकात की थी. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की विधानसभा सदस्यता समाप्त होने की आशंका के बीच राज्य में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के लगभग 32 विधायक मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे. इनमें कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं. 

झारखंड में रिजॉर्ट पॉलिटिक्स
राज्य के सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेताओं के मुताबिक विधायकों के रायपुर पहुंचने के बाद उन्हें लगभग 10 किलोमीटर दूर नवा रायपुर स्थित मेफेयर रिजॉर्ट ले जाया गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उनके साथ नहीं थे. झारखंड के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ लाभ के पद के मामले में निर्वाचन आयोग में याचिका दी है. 

विधायकों को क्यों भेजा गया रायपुर?
निर्वाचन आयोग ने 25 अगस्त को राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को अपना फैसला भेज दिया है. इधर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि जहां गैर भाजपा सरकारें हैं वहां अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की जा रही है तथा सरकारों को आतंकित करने की कोशिश की जा रही है. 
झामुमो का मानना है कि भाजपा महाराष्ट्र की तरह सरकार गिराने के लिए उनके और कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने का प्रयास कर सकती है, इसलिए विधायकों को सुरक्षित जगह में रखने की जरूरत है. 

पिछले डेढ़ वर्ष में यह तीसरी बार है जब कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के विधायकों को खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच रायपुर भेजा गया है. इससे पहले इस वर्ष 10 जून को राज्यसभा चुनावों में क्रॉस-वोटिंग की आशंका के बीच, हरियाणा में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने विधायकों को रायपुर स्थानांतरित किया था. 

वहीं अप्रैल वर्ष 2021 में असम विधानसभा चुनाव में मतगणना से पहले बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के उम्मीदवारों को रायपुर लाया गया था. बीपीएफ असम विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में सहयोगी था. 

झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा में संप्रग के 49 विधायक हैं जिनमें झामुमो के 30, कांग्रेस के 18 और राजद का एक विधायक है. वहीं विधानसभा में भाजपा के 26 विधायक हैं. मेफेयर रिजॉर्ट के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है तथा मीडियाकर्मियों को भीतर नहीं जाने दिया जा रहा है.

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(भाषा)

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