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रांची : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की विधान सभा सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग द्वारा राज्य के राज्यपाल को भेजी गई बंद लिफाफे में रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं हो पाई है. इसको लेकर झारखंड में सियासी गहमागहमी अभी भी जारी है.
सीएम हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने लिखा निर्वाचन आयोग को पत्र
राज्यपाल को मिली चुनाव आयोग की चिट्ठी में आखिर क्या लिखा गया है. इसकी जानकारी अभी भी किसी को नहीं है. ऐसे में चुनाव आयोग की तरफ से राज्यपाल को भेजे गए मंतव्य की कॉपी उपलब्ध कराने की मांग की गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के अधिवक्ता वैभव तोमर ने भारत निर्वाचन आयोग को केस 3(G)/2022 मामले में 31 अक्टूबर 2022 को फिर पत्र भेजकर माननीय राज्यपाल, झारखंड द्वारा आयोग से मांगे गए दूसरे मंतव्य के पत्र की कॉपी उपलब्ध कराने की मांग की है.
पत्र में झारखंड के राज्यपाल के बयान का भी जिक्र
अधिवक्ता ने पत्र में झारखंड के राज्यपाल द्वारा इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को 27 अक्टूबर के दिन छत्तीसगढ़ के रायपुर में दिए बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग से उपरोक्त मामले में दुबारा मंतव्य मांगा है, दिया था. अधिवक्ता ने पत्र में यह भी लिखा है कि उनके मुवक्किल को निर्वाचन आयोग से इस बारे में कोई जानकरी नहीं मिली है.
हेमंत सोरेन के अधिवक्ता ने की मांग, उनके मुवक्किल की बात को सुनकर लिया जाए फैसला
साथ ही अधिवक्ता ने लिखा है कि भारत के संविधान के अंतर्गत गठित निर्वाचन आयोग एक स्वतंत्र संस्थान है और उनके मुवक्किल की बात को निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से सुने बिना माननीय राज्यपाल द्वारा आयोग से मांगे गए दूसरे मंतव्य पर राय न दें.
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