Bokaro Samachar: फुसरो के संडे बाजार की रहने वाली काजल देवी गर्भवती थी और किसी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया. इसके बाद बोकारो के सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ अशोक पाठक के प्रयास से महिला का सीजर ऑपरेशन हुआ.
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Bokaro: कोरोना काल में गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी समस्या बन गई है. निजी अस्पताल मनमाने पैसे की मांग कर रहे हैं और यदि महिला कोरोना से संक्रमित हो तो इलाज की बात तो दूर निजी अस्पताल भर्ती तक नहीं ले रहे हैं. ऐसा ही एक मामला बोकारो में देखने को मिला. यहां फुसरो के संडे बाजार की रहने वाली काजल देवी गर्भवती थी और किसी अस्पताल ने उन्हें भर्ती नहीं किया.
इसके बाद बोकारो के सदर अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ अशोक पाठक के प्रयास से महिला का सीजर ऑपरेशन हुआ. जहां काजल ने 3 पॉइंट 5 किलोग्राम के स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. सिजेरियन के बाद जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं.
बता दें कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के कारण निजी अस्पतालों ने उसे भर्ती नहीं लिया, जिसके बाद परिवार के लोग दर-दर कि ठोकरें खाने के बाद अंत में बोकारो के सदर अस्पताल पहुंचे. जहां महिला की स्थिति देखकर सिविल सर्जन बोकारो डॉ एके पाठक उपाधीक्षक एनपी सिंह ने चुनौती के रूप में लेते हुए महिला का सिजेरियन कराने का निर्णय लिया.
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इसके बाद चिकित्सकों की कमी को देखते हुए आईएमए की सदस्य महिला चिकित्सक डॉ निरुपमा और डॉ अनीता सिंह को बुलाया गया, उन्होंने भी सिविल सर्जन के आग्रह को स्वीकार किया. चिकित्सकों ने महिला को पीपीई किट पहनाकर सुरक्षित प्रसव करा दिया.
प्रसव में देरी होने के कारण यह संभावना जताई जा रही थी कि गर्भ में ही बच्चे ने स्वच्छ कर दिया है. इससे संक्रमण का खतरा और भी बढ़ सकता है. लेकिन इसकी परवाह किए बिना चिकित्सको ने महिला और उसके बच्चे की रक्षा की. बोकारो के सिविल सर्जन अशोक पाठक ने इसके लिए दोनों महिला चिकित्सकों को आभार जताया है.
(इनपुट- मृत्युंजय मिश्रा)