Cyber Crime News: काफी चर्चित वेब सीरीज 'जामताड़ा' साइबर क्रिमिनल्स की कहानी पर आधारित है. जिन लोगों से ये वेब सीरीज बनी हैं. वो जामताड़ा साइबर क्रिमिनल्स हैं. एक ही परिवार के पांचों साइबर क्रिमिनल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.
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रांची: Jharkhand News: रांची स्थित पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) कोर्ट ने जामताड़ा के पांच साइबर क्रिमिनल को मनी लॉन्ड्रिंग केस में पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. जिन्हें सजा सुनाई गई है, उनमें गणेश मंडल एवं उसका पुत्र प्रदीप मंडल, संतोष मंडल एवं उसका पुत्र पिंटू मंडल और अंकुश कुमार मंडल शामिल हैं. ये सभी लोग जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के रहने वाले हैं. कोर्ट ने इन सभी पर 2.50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने इन सभी को 20 जुलाई को दोषी करार दिया था. उसके बाद उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया था. बताया जा रहा है कि चर्चित वेब सीरीज 'जामताड़ा' इन्हीं साइबर क्रिमिनल्स की कहानी पर बनी थी. वेब सीरीज में प्रदीप मंडल और उसके अलग-अलग साथियों के नाम का उल्लेख था.
इनके खिलाफ जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाने में 29 दिसंबर 2015 को मामला दर्ज हुआ था. उन पर बैंक प्रबंधक व बैंक अधिकारी बनकर लोगों को कॉल कर उनके बैंक खाते का ब्योरा हासिल करने और उनके खाते से अवैध निकासी का आरोप लगा था. जामताड़ा पुलिस ने जांच के बाद 22 जुलाई 2016 चार्जशीट पेश किया था। इसी एफआईआर और चार्जशीट के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत वर्ष 2019 में इंफोर्समेंट केस इन्फार्मेशन रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज किया था.
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ईडी ने अपनी जांच में पाया था कि आरोपी प्रदीप कुमार मंडल, पिंटू मंडल, अंकुश कुमार मंडल और अन्य ने साइबर अपराध से 65.99 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति अर्जित की. उन्होंने अपराध की आय से नया घर बनाया, जमीन खरीदी, वाहन खरीदे. इन सभी चल-अचल संपत्तियों को ईडी ने 10 मार्च 2021 को अस्थायी रूप से जब्त किया था. इस मामले में ट्रायल के दौरान ईडी की ओर से विशेष लोक अभियोजक अतीश कुमार ने 24 गवाहों को प्रस्तुत किया था, इसके आधार पर कोर्ट ने पांचों को दोषी करार दिया.
इनपुट-आईएएनएस