चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी लालू यादव दोषी, 2 बजे सजा का ऐलान
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चारा घोटाले के तीसरे मामले में भी लालू यादव दोषी, 2 बजे सजा का ऐलान

 सीबीआई के विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले चाईबासा कोषागार घोटाले दोषी करार दिया है. इस मामले में बहस 10 जनवरी को पूरी हो गई थी.

चाईबासा मामले में बिहार के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को दोषी ठहराया गया है

रांची : सीबीआई के विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े एक अन्य मामले चाईबासा कोषागार घोटाले दोषी करार दिया है. इस मामले में बहस 10 जनवरी को पूरी हो गई थी और अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया था. इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा को भी दोषी ठहराया गया है. सीबाआई कोर्ट ने लालू यादव तथा जगन्नाथ मित्रा समेत 50 लोगों को इस मामले में दोषी ठहराया है. आज दो बजे सजा का ऐलान किया जाएगा. अदालत ने 6 आरोपियों को बरी कर दिया है. सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक, 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार से 33 करोड़, 62 लाख रुपये फर्जी ढंग से निकालने के मामले में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश स्वर्ण शंकर प्रसाद की अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया है.

  1. चाईबासा मामले में भी लालू यादव दोषी करार
  2. चाईबासा से निकाले गए 33 करोड़, 62 लाख
  3. देवघर कोषागार में लालू को 3.5 साल की सजा

भड़के तेजस्वी यादव
अदालत के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए लालू के बेटे तेजस्वी यादव ने कहा है कि लालू यादव को फंसाया गया है. बिहार का जनता लालू के निर्दोष मानती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार में कई दागी बैठे हैं, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

लालू पहले से ही बंद हैं जेल में
इस मामले से पूर्व देवघर कोषागार मामले में लालू यादव साढ़े तीन साल की कैद की सजा काट रहे हैं. वे इस समय रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. बीती 6 जनवरी को रांची की सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाला से जुड़े एक मामले (देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद को साढ़े तीन वर्ष की कैद एवं दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री पर इस मामले में पांच लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना अदा ना करने की सूरत में लालू प्रसाद को और छह माह की सजा भुगतनी होगी. अदालत ने 23 दिसंबर, 2017 को इस घोटाले के संबंध में लालू प्रसाद और 15 अन्य को दोषी करार दिया था.

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क्या है चाईबासा मामला
देवघर कोषागार की तरह ही चाईबासा कोषागार से भी 1992-93 में 67 फर्जी तरीके से 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. 1996 में इस मामले में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हुई थी और लालू प्रसाद यादव व डॉ. जगन्नाथ मिश्रा समेत 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था. 76 में से 14 लोगों का निधन हो चुका है. मामले में तीन लोग दीपेश चांडक, आरके दास व शैलेश प्रसाद सिंह सरकारी गवाह बन गए हैं.

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देवघर कोषागार मामला
वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की फर्जीवाड़ा कर अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी के इस मामले में कुल 38 लोग आरोपी थे जिनके खिलाफ सीबीआई ने 27 अक्तूबर, 1997 को मुकदमा संख्या आरसी 64 /1996 दर्ज किया था और लगभग 21 वर्षों बाद इस मामले में 23 दिसंबर को फैसला आया था. सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के इस मामले में 23 दिसंबर 2017 को लालू प्रसाद समेत तीन नेताओं, तीन आइएएस के अलावा पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी कृष्ण कुमार प्रसाद, मोबाइल पशु चिकित्साधिकारी सुबीर भट्टाचार्य एवं आठ चारा आपूर्तिकर्ताओं सुशील कुमार झा, सुनील कुमार सिन्हा, राजाराम जोशी, गोपीनाथ दास, संजय कुमार अग्रवाल, ज्योति कुमार झा, सुनील गांधी तथा त्रिपुरारी मोहन प्रसाद को अदालत ने दोषी करार देकर जेल भेज दिया था.

देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये के फर्जीवाड़े के मामले से जुड़े इसी मुकदमे में 23 दिसंबर को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा, बिहार के पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चौधरी, सरस्वती चंद्र एवं साधना सिंह को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया था.

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