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रांची: JAC Board Topper: झारखंड में मैट्रिक बोर्ड और इंटर साइंस की परीक्षाओं के टॉपर्स की लिस्ट में इस बार आर्थिक रूप से कमजोर घरों के बच्चों के अपने नाम का परचम लहाराया है. इनमें से किसी के पिता सिक्योरिटी गार्ड हैं, तो कोई पेंटर, राजमिस्त्री जैसे छोटे-मोटे पेशे से जुड़े हैं. किसी की मां सिलाई-बुनाई करती है तो किसी ने खेतों में काम पर अपनी संतान को पढ़ाया है.
इंटर साइंस की स्टेट टॉपर दिव्या कुमारी रामगढ़ शहर के विकास नगर मुहल्ले की रहने वाली है. उसके पिता श्लोक बिहारी एक निजी संस्थान में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं तो उसकी मां कुसुम देवी सिलाई-कटाई कर घर-परिवार की गाड़ी चलाने में मदद करती है. रामगढ़ के गांधी स्मारक प्लस टू स्कूल की छात्रा दिव्या ने बगैर किसी ट्यूशन-कोचिंग के पढ़ाई की और उसका सपना मेडिकल की पढ़ाई करने का है. वह कहती है, मेरे घर की माली हालत ठीक नहीं है. मैं चाहती हूं कि मेडिकल की तैयारी के लिए मुझे सरकार की ओर से मदद मिले.
सेकेंड टॉपर खुशी कुमारी रांची के उसुर्लाइन स्कूल की छात्रा हैं. उसके पिता बाल्मीकि कुमार शर्मा एक छोटी सी किराना दुकान चलाते हैं. थर्ड टॉपर प्रियंका घोष भी इसी स्कूल की स्टूडेंट है. उसके पिता निताई घोष मोटर गैराज में स्प्रे पेटिंग का काम करते हैं. घोष कहते हैं कि आर्थिक कठिनाइयों के बीच भी बेटी को बेहतर शिक्षा दिलाना ही जीवन का लक्ष्य है.
मैट्रिक टॉपर श्रेया सोनगिरी जमशेदपुर की रहने वाली है. उसके पिता सुनीलवर्ण सोनगिरी पेशे से ट्यूशन टीचर हैं, वहीं माता सुप्रिया सोनगिरी गृहिणी है. दुमका के मसलिया निवासी सौरभ कुमार पूरे राज्य में मैट्रिक के सेकेंड टॉपर हैं. उसके पिता खेती-बाड़ी कर घर चलाते हैं. घर की माली हालत ठीक नहीं है. सौरभ की ख्वाहिश इंजीनियर बनने की है. थर्ड टॉपर सादिया आफरीन के पिता इरफान अंसारी भी घरों में पेंटिंग-पुट्टी आदि का काम कांट्रैक्ट पर लेते हैं. इरफान अंसारी बेटी की उपलब्धि पर बहुत गौरवान्वित हैं. सादिया आईएएस बनना चाहती हैं.
बता दें कि झारखंड सरकार ने मैट्रिक और इंटर की परीक्षाओं के फस्र्ट टॉपर को तीन लाख, सेकेंड और थर्ड टॉपर को क्रमश: दो और एक लाख रुपए का पुरस्कार देने का एलान किया है.
इनपुट- आईएएनएस