Jharkhand Samachar: जेएमएम ने रिलीज जारी कर कहा है कि 'पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल की सभी गड़बड़ियों की जांच के लिए आयोग का गठन हो.'
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Ranchi: विधायक सरयू राय (Saryu Roy) ने एक बार फिर पूर्व सीएम रघुबर दास (Raghubar Das) को घेरते हुए सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को पत्र लिखा है. रांची में सीवरेज ड्रेनेज के डीपीआर बनाने के लिए चयनित ओआरजी को हटाने से सरकार को नुकसान हुआ. इस प्रकरण में कोर्ट द्वारा नियुक्त आर्बिट्रेटर ने बेवजह हटाने से ओआरजी को हुए नुकसान के लिए राज्य सरकार पर 3 करोड़ 62 लाख का हर्जाना लगाया था, सरयू राय ने सीएम को पत्र लिखकर इस राशि की वसूली पूर्व सीएम रघुबर दास से करने की मांग की है. साथ ही मैन हर्ट की बहाली में झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
वहीं, इसपर जेएमएम (JMM) ने रिलीज जारी कर कहा है कि 'पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यकाल की सभी गड़बड़ियों की जांच के लिए आयोग का गठन हो.' जेएमएम महासचिव विनोद पांडेय ने कहा, 'पिछली सरकार का कार्यकाल जिस तरह विवादों में रहा, या यूं कहें जब हेमंत सोरेन की सरकार ने जांच प्रारंभ की तो एक के बाद एक कई मामले का रहे हैं जिसमें सीधे तौर पर अनियमितता दिख रही है, प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार की बू आ रही है. इसलिए जेएमएम से सरकार से स्पष्ट कहा है कि पिछली सरकार के कार्यकाल की पूरी जांच हो.'
इधर, इस पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि 'घोटालों की लंबी फेहरिस्त है जिसे कांग्रेस ने लगातार रघुबर दास के शासन में भी उठाने का काम किया था. झारखंड को जिस तरह लूटने का काम हुआ, इन सारे घोटालों की जांच तो होनी ही चाहिए. उच्च स्तरीय जांच हो ताकि टैक्स के पैसे का जो दुरुपयोग हुआ उसकी सच्चाई झारखंड की जनता को पता चले. '
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वहीं, झारखंड बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, 'सरकार उनकी है, जांच करवाने का उनको अधिकार है लेकिन उनको एक भी दाग नजर नहीं आएगा चाहे जितने कमीशन बैठा लें. इसके साथ ही मैं बीजेपी की ओर से मांग करता हूं कि दारू टेंडर के घोटाले की भी जांच होनी चाहिए. इस प्रक्रिया में टेंडर की नियामावली की भी जांच हो.'
बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि 'अभी सरकार महागठबंधन की है, जेएमएम मांग करती है आयोग का गठन होना चाहिए. सरकार आपकी है आप सीएम से कहिए, इसकी जांच करवाइए इसके लिए आयोग बनाइए या सीबीआई से जांच करवाए या न्यायिक जांच करवाइए. मीडिया में बयान देने से क्या होगा? अगर किसी को भी लगता है कि कहीं से घोटाले की बू आ रही है तो उसे जांच करवानी चाहिए, हल्ला गुल्ला से क्या फायदा.'