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रांची: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन सदन के बाहर पक्ष-विपक्ष के विधायकों की आमने-सामने नारेबाजी और प्रदर्शन से माहौल गरमा उठा. भाजपा और 'इंडिया' के विधायकों ने सत्र की कार्यवाही शुरू होने के पहले अलग-अलग मुद्दों पर तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया.
भाजपा विधायकों ने राज्य में आदिवासियों की हत्या और बलात्कार के लिए राज्य सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए सीएम हेमंत सोरेन से इस्तीफे की मांग की. उन्होंने थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों को झारखंड के मूल निवासियों के लिए आरक्षित करने, सीपीएम लीडर सुभाष मुंडा हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने, नियोजन नीति को स्पष्ट करने, झारखंड को सुखाड़ और अकाल क्षेत्र घोषित करने समेत कई मांगों से संबंधित तख्तियां ले रखी थीं.
दूसरी तरफ इंडिया के विधायकों ने भी केंद्र सरकार पर झारखंड से सौतेले व्यवहार का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया. इंडिया के विधायकों ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य को सूखा राहत के मद में पैसे नहीं दे रही.
झारखंड सरकार के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पिछले वर्ष राज्य सरकार ने 226 सूखाग्रस्त ब्लॉक की सूची केंद्र सरकार को सौंपी थी और राज्य सरकार ने अपनी तरफ से सभी किसानों को 3500 रुपये भी दिए थे, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से जो लाभ किसानों को मिलने वाला था वह अब तक नहीं मिला. श्रम एवं नियोजन मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि झारखंड के किसान सूखे की मार झेल रहे हैं और अब तक केंद्र सरकार ने उन्हें कोई राहत नहीं दी है. भाजपा को किसानों के दुख-दर्द से कोई लेना- देना नहीं है.
(इनपुट आईएएनएस के साथ)