Ghost Fair: कहा जाता है कि यहां सदियों से भूतों का मेला लगता है. घाट पर इकट्ठा हुए तांत्रिक वो दावा करते हैं जो साइंस भी नहीं कर सकता. तंत्र साधना से उन खतरनाक बीमारियों का इलाज किया जाता है जो दवा से भी ठीक नहीं हो रही होतीं.
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Hajipur Ghost Fair: बिहार और मेलों का रिश्ता काफी पुराना है. यहां पर छोटे से लेकर बड़े त्योहारों पर मेले का आयोजन होना सामान्य बात है. लेकिन क्या कभी आपने भूतों का मेला सुना है? शायद नहीं, लेकिन यह सच है. हाजीपुर में कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर भूतों का अनोखा मेला लगता है. इस मौके पर कौनहारा घाट पर दुनियाभर के तांत्रिक आते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बुरी आत्माओं को शुद्ध करते हैं. महिलाओं और जवान लड़कियों के बाल पकड़कर पानी में डुबोया जाता है. यह क्रिया पूरी रात चलती है. इतना ही नहीं पुलिस-प्रशासन बकायदा इस मेले को सुरक्षा-व्यवस्था मुहैया कराता है.
कहा जाता है कि यहां सदियों से भूतों का मेला लगता है. घाट पर इकट्ठा हुए तांत्रिक वो दावा करते हैं जो साइंस भी नहीं कर सकता. तंत्र साधना से उन खतरनाक बीमारियों का इलाज किया जाता है जो दवा से भी ठीक नहीं हो रही होतीं. कमाल की बात ये है कि आज के दौर में भी लोग इसपर विश्वास करते हैं. लोगों के जीवन में जब कोई परेशानी और दिक्कत होती है तो वे कार्तिक पूर्णिमा के दिन कोनहारा घाट पर पहुंचकर पूजा-पाठ करते हैं. उनका मानना है कि इससे दिक्कत और परेशानी दूर हो जाती है.
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बता दें कि हाजीपुर का कौनहारा घाट ऐतिहासिक घाट है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इस घाट पर अवतार लिया था. कहते हैं कि इस घाट पर ही गज और ग्राह (हाथी और मगरमच्छ) की लड़ाई हुई थी. जिसमें मगरमच्छ, हाथी को पानी में खींच कर डुबो रहा था. तब हाथी ने भगवान विष्णु को याद किया और प्रार्थना की थी. हाथी की प्रार्थना सुनकर भगवान विष्णु प्रकट हुए थे और गज (हाथी) की रक्षा की थी.
रिपोर्ट- रवि मिश्रा