Bihar Bridge Collapse: प्रदेश में अभी भी कई ऐसे पुल हैं जो काफी जर्जर हो चुके हैं और कभी भी ढह सकते हैं. इसी क्रम में सुपौल के एक पुल और शिवहर में बने तटबंध में दरारें देखकर गांववाले भयभीत हो गए हैं.
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Bihar Bridge Collapse: बिहार में लगातार पुल गिरने का मामला सुर्खियों में है. प्रदेश में बीते 15 दिनों में रिकॉर्ड-तोड़ 10 पुलों के गिरने पर सियासत भी चरम पर है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रदेशभर के पुलों का निरीक्षण करने का आदेश दिया गया है. जर्जर पुलों की विशेषतौर पर निगरानी करके रिपोर्ट तैयार करनी है. उधर प्रदेश में अभी भी कई ऐसे पुल हैं जो काफी जर्जर हो चुके हैं और कभी भी ढह सकते हैं. इसी क्रम में सुपौल जिले के छातापुर प्रखंड के नरहेया गांव में एक नदी पर बना पुल का बीम क्रैक हो गया है. जिससे लोग दहशत में है. लोगों ने पुल का बीम क्रैक होने को लेकर कई तरह की आशंका व्यक्त की हैं. लोगों को डर है कि जिस तरह पुल का बीम क्रैक हुआ है, कहीं इससे पुल जमींदोज न हो जाए.
यह पुल छातापुर प्रखंड मुख्यालय से प्रतापगंज को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर बना है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुल का निर्माण वर्ष 2009 में हुआ था. पुल के बीम में छड़ दिखाई देने की समस्या तब से ही थी. बीते कुछ समय से उस जगह क्रैक होने लगा है. जिससे पुल गिरने का खतरा बढ़ गया है. लोगों ने बताया कि इस पथ से हजारों की आबादी हर दिन आवाजाही होती है. बड़े बड़े वाहनों का परिचालन होता है. ऐसे में पुल की बीम में क्रैक होना बड़ी दुर्घटना की आशंका को जाहिर कर रहा है.
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वहीं शिवहर जिले के बेलवा घाट पर बनाए गए तटबंध की हालत जर्जर होती जा रही है. इन दिनों हो रही बारिश के कारण तटबंध में बड़ी बड़ी दरारें दिखाई देने लगी हैं. इस तटबंध का निर्माण पिछले वर्ष ही कराया गया था, लेकिन पहली बारिश में ही तटबंध की हालत जर्जर होती दिखाई दे रही है. पानी की तेज धार से जगह जगह दरारें आने लगी हैं. जिसके कारण इलाके के लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है. लोगों का कहना है कि अगर बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर आया तो तटबंध टूट भी सकता है. हालांकि, जिला प्रशासन द्वारा इस समस्या से निपटने के लिए कई जगहों पर तटबंध के मरम्मत कराया जा रहा है.