Success Story: गांव की पहली बेटी जिसने पास किया इंटर, पिता करते हैं दूसरे राज्य में मजदूरी
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Success Story: गांव की पहली बेटी जिसने पास किया इंटर, पिता करते हैं दूसरे राज्य में मजदूरी

Success Story: सीतामढ़ी जिले में परिहार प्रखंड के दुबे टोला गांव की बेटी ने इंटर परीक्षा में फर्स्ट डिवीजन से पास किया है. जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है.

गांव की पहली बेटी जिसने पास किया इंटर

सीतामढ़ी: बिहार बोर्ड द्वारा आज इंटर परीक्षा का रिजल्ट जारी किया गया. जारी किए गए रिजल्ट में कईयों ने टॉप किया लेकिन सीतामढ़ी की एक बेटी ने मात्र फर्स्ट डिवीजन से ये परीक्षा पास किया लेकिन उसकी चर्चा हर कोई कर रहा है. हर कोई उसकी तारीफ कर रहा है. दरअसल, सीतामढ़ी जिले में परिहार प्रखंड के दुबे टोला गांव की महादलित बस्ती की इंदिरा कुमारी गांव की पहली ऐसी बेटी है जिसने इंटर की परीक्षा पास की है. वो भी प्रथम श्रेणी से. बाल समिति की सदस्य इंदिरा कुमारी दुबे टोल गांव के महादलित बस्ती से इंटर की परीक्षा पास होने वाली पहली बेटी बनी है. इंदिरा ने इंटर का एग्जाम फर्स्ट डिवीजन से पास किया है.

इंदिरा को ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ से प्रेरणा मिली. बाल समिति की सदस्य इंदिरा के जज्बे की सराहना चारों ओर हो रही हैं.परीक्षा परिणाम आने पर ग्रामीणों में खासा उत्साह बना हुआ है. इंदिरा के शिक्षक चंदन मांझी के अगुवाई में इंदिरा कुमारी को बधाई दी गई है. इंदिरा कुमारी ने इस सफलता का श्रेय अपने माता पिता , शिक्षक चंदन मांझी और बचपन बचाओ आंदोलन को दिया है. बाल संरक्षण समिति के सदस्य चंदन मांझी का कहना है कि इंदिरा के परीक्षा पास होने से गांव में इतिहास लिखा गया है. यह अथक प्रयास का ही नतीजा है.

बता दे कि इंदिरा कुमारी के पिता महेश मांझी तमिलनाडु में मजदूरी का काम करते हैं. वही इंदिरा की माता निर्मला देवी गृहणी है. इंद्रा अपने दो भाई एवं एक बहन में सबसे बड़ी हैं. खास बात यह है कि इंद्रा कुमारी बचपन बचाओ आंदोलन की ओर से गठित बाल समिति की सदस्य है जो इंद्रा अपने गांव की लड़कियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करती आ रही है. गांव में इंदिरा कुमारी से प्रेरित होकर अन्य अभिभावक भी अपनी बेटियों के शिक्षा के प्रति जागरूक हुए हैं.

इनपुट- त्रिपुरारी शरण

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