Supaul News: शौचालय में रखी जाती है MDM की थाली, झोपड़ी में पढ़ाई करने को मजबूर छात्र
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2414129

Supaul News: शौचालय में रखी जाती है MDM की थाली, झोपड़ी में पढ़ाई करने को मजबूर छात्र

Supaul News: बिहार के सुपौल में झोपड़ी में संस्कृत मध्य विद्यालय संचालित हो रहा है. इतना ही नहीं यहां पर एमडीएम की थाली रखने की जगह नहीं है. उसे शौचालय में रखा जाता है. इस स्कूल में  छात्र मूलभूत सुविधाओं से मरहूम हैं.

झोपड़ी में संचालित हो रहा संस्कृत मध्य विद्यालय

Supaul: सरकार की तरफ से बच्चों को शिक्षा देने के लिए भले ही बड़े बड़े वायदे किये जाते हैं, लेकिन जमीनी सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है. बच्चे आज भी कई जगह फूस के बने झोपड़ी में पढ़ने को विवश हैं. जहां न बेंच है न डेस्क न ब्लैक बोर्ड और न अन्य सुविधाएं. जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चों को आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है.

मामला तश्वीर छातापुर प्रखंड के रतनसार स्थित संस्कृत मध्य विद्यालय का है. जहां न तो भवन है और न ही स्कूल में बेंच डेस्क. इस विद्यालय को देखकर आप कह ही नहीं सकते हैं कि यह सरकारी विद्यालय है. कहते हैं वर्ष 1985 में स्थापित इस संस्कृत मध्य विद्यालय में वर्तमान में करीब ढाई सौ बच्चे नामांकित हैं. क्लास एक से आठवीं तक कि पढ़ाई होती है, लेकिन सिर्फ दो शिक्षकों की इस विद्यालय में पदस्थापना है. ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विद्यालय के पठन पाठन की क्या स्थिति होगी.

चारदीवारी की जगह स्कूल परिसर को बांस के सहारे घेरा गया है. स्कूल परिसर में ही एक शौचालय का भी निर्माण किया गया है, लेकिन इस शौचालय का लाभ बच्चों को नहीं मिल पाता है. भवन नहीं होने के कारण स्कूल का संचालन झोपड़ी में होता है. झोपड़ी में सिर्फ स्कूल का संचालन नहीं होता बल्कि एमडीएम का खाना भी अलग से बनाये गए एक झोपड़ी में ही बनता है. जिससे दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है.

यह भी पढ़ें:सीएम नीतीश करेंगे शिक्षिका को सम्मानित, जानिए कौन हैं खुशबू कुमारी

खास बात यह है कि स्कूल में कार्यालय नहीं है. जिसके चलते स्कूल के कागजात और अन्य सामान HM हर दिन अपने घर लेकर चले जाते हैं ताकि सामान चोरी नहीं हो सके. लेकिन स्कूल में संचालित एमडीएम की थाली शौचालय में रख दी जाती है. भवन के अभाव में शौचालय की सीट पर रखे एमडीएम की प्लेट सरकार के द्वारा स्कूलों में दी जाने वाली आधार भूत संरचना की पोल खोल रही है. विद्यालय में मौजूद शिक्षक का कहना है कि चूंकि यह संस्कृत विद्यालय है. लिहाजा बहुत तरह का आवंटन विद्यालय को नहीं मिल रहा है.

रिपोर्ट: सुभाष चंद्रा

यह भी पढ़ें:बिहार में अब 6 सितंबर को नहीं होगी नियोजित शिक्षकों की काउंसलिंग, जानिए अगली तारीख

बिहार की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें!यहाँ पढ़ें Bihar News in Hindi और पाएं Bihar latest News in Hindi  हर पल की जानकारी.बिहार की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार.जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

TAGS

Trending news