जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी कार्यकर्ताओं को लिखी खुली चिट्ठी को शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा, 'कहीं पर निगाहें, कहीं पर निशाना... जद (यू.) के समर्पित एवं निष्ठावान कार्यकर्ता साथियों को दिग्भ्रमित करने का प्रयास है. ना कोई डील है और ना ही विलय की बात - यह सिर्फ एक मनगढ़ंत कहानी है.'
'दिक्कत है तो पार्टी फोरम पर आकर बात करें कुशवाहा'
ललन सिंह ने कहा, 'उपेंद्र कुशवाहा के भविष्य की राजनीति क्या है, हम तो नहीं बता सकते हैं लेकिन पार्टी में वह हैं. उनको पूरा सम्मान दिया गया, लेकिन भविष्य में क्या करेंगे इसके बारे में उन्हें जानकारी है और अगर उनको कोई दिक्कत है तो पार्टी फोरम पर आ कर बात करनी चाहिए. पार्टी फोरम से बाहर बात नहीं करनी चाहिए.' हालांकि, इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा को नोटिस दिए जाने पर ललन सिंह सीधे कुछ भी बोलने से बचते दिखे.
दरअसल, नीतीश कुमार के खिलाफ बगावती तेवर दिखाते हुए कुशवाहा ने रविवार को पार्टी कार्यकर्ताओं को एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ ‘एक खास डील’ पर चर्चा के लिए कार्यकर्ताओं को एकत्रित होने को कहा है.
'आंतरिक कारणों से कमजोर हो रही जेडीयू'
कुशवाहा ने पत्र में लिखा कि आंतरिक कारणों की वजह से पार्टी रोज कमजोर हो रही है. उन्होंने बताया कि महागठबंधन में शामिल होने के बाद से ही वो पार्टी की स्थिति के बारे में नीतीश कुमार को लगातार अवगत करा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘समय-समय पर पार्टी की बैठकों में भी मैंने अपनी बातें रखीं हैं. विगत एक-डेढ महीने से मैंने हर संभव तरीके से कोशिश की है कि दिनोंदिन अपना अस्तित्व खोती जा रही पार्टी को बचाया जा सके. मेरी कोशिश आज भी जारी है. परन्तु तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री द्वारा मेरी बातों की न सिर्फ अनदेखी की जा रहीं है बल्कि उसकी व्याख्या भी गलत तरीके से की जा रही है.’
कुशवाहा ने कहा कि अगर करोड़ों लोगों के अरमानों वाली पार्टी बिखर गई तो समर्थकों का क्या होगी जिन्होंने भरोसा जताया था या जिन्होंने तकलीफ सहकर पार्टी को खड़ा करने में योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि आरजेडी के साथ डील और जेडीयू का आरजेडी में वियल की चर्चा से कार्यकर्ता व्यथित हैं, ये राजनीतिक शून्यता की स्थिति है. ऐसे में समय आ गया है कि हम मिलकर इस पर चर्चा करें. उपेंद्र कुशवाहा की ये बैठक 19 और 20 फरवरी को होने वाली है.
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